रविंद्र कुमार भारद्वाज,रायबरेली। IAS Shivam Singh Success Story संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) सिविल सेवा परीक्षा 2024 के नतीजों ने रायबरेली के लिए गर्व का क्षण ला दिया है। डलमऊ विकासखंड के पकरा गांव के शिवम सिंह ने 73वीं रैंक हासिल कर न केवल जिले, बल्कि पूरे देश में अपने साधारण परिवार की मेहनत और लगन का परचम लहराया है। एक छोटी सी स्टेशनरी की गुमटी चलाने वाले पिता राम नरेश सिंह के बेटे शिवम की यह सफलता कठिन परिस्थितियों में सपनों को साकार करने की जीवंत मिसाल है।
बीटेक और एमटेक की डिग्री हासिल की
शिवम का सफर आसान नहीं था। उनके पिता विकास भवन के बाहर टीन की गुमटी में स्टेशनरी बेचते हैं, मां गृहिणी हैं, और बड़ा भाई कॉर्पोरेट सेक्टर में कार्यरत है। रायबरेली में प्रारंभिक शिक्षा और इंटरमीडिएट के बाद शिवम ने लखनऊ के एक निजी कॉलेज से बीटेक और 2019 में IIT से एमटेक की डिग्री हासिल की। पढ़ाई के दौरान ही प्रशासनिक सेवा में जाने का सपना उनके मन में जगा।
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2021 में 38वीं रैंक हासिल कर बने SDM
2021 में शिवम ने यूपीपीएससी परीक्षा में 38वीं रैंक हासिल कर एसडीएम बने, लेकिन उनका लक्ष्य IAS बनना था। एसडीएम की जिम्मेदारियों के बीच भी उन्होंने UPSC की तैयारी जारी रखी। IAS Shivam Singh Success Story 2023 में पहले प्रयास में 878वीं रैंक मिली, जो IAS के लिए पर्याप्त नहीं थी। हार न मानते हुए शिवम ने दोगुनी मेहनत की और 2024 में 73वीं रैंक के साथ IAS बनने का सपना पूरा किया। वर्तमान में वह आंध्र प्रदेश के पालसमुंद्रम में कस्टम्स एंड GST ऑफिसर के प्रशिक्षण में हैं।
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शिवम ने कभी हालात का रोना नहीं रोया
शिवम की सफलता पर उनके पिता राम नरेश सिंह ने गर्व जताते हुए कहा, “शिवम ने कभी हालात का रोना नहीं रोया। वह हमेशा कहता था कि कुछ बड़ा करेगा, और आज उसने अपना वादा पूरा किया। IAS Shivam Singh Success Story जिले में उनकी उपलब्धि पर खुशी की लहर है। शिवम की कहानी उन लाखों युवाओं के लिए प्रेरणा है जो संसाधनों की कमी के बावजूद अपने सपनों को नहीं छोड़ते। रायबरेली का यह लाल आज देशभर के युवाओं के लिए मिसाल बन गया है। उनकी उपलब्धि न केवल व्यक्तिगत सफलता, बल्कि यह भी दिखाती है कि सच्ची लगन और निरंतर प्रयास किसी भी बाधा को पार कर सकते हैं।
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