Pradosh Vrat 2025: अप्रैल माह का दूसरा प्रदोष व्रत 25 अप्रैल 2025 को रखा जाएगा. यह व्रत वैशाख मास के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि पर पड़ता है, जो 25 अप्रैल को सुबह 11:44 बजे से शुरू होकर 26 अप्रैल को सुबह 8:27 बजे तक रहेगी. यह शुक्रवार को पड़ने के कारण शुक्र प्रदोष व्रत कहलाता है और संतान प्राप्ति की कामना रखने वाली महिलाओं के लिए विशेष रूप से महत्वपूर्ण माना जाता है.
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पूजा का समय (Pradosh Vrat 2025)
प्रदोष काल में — जो शाम 5:26 से 7:26 बजे तक रहेगा — भगवान शिव और माता पार्वती की विधिवत पूजा की जाती है.
व्रत का पारण अगले दिन 26 अप्रैल को सुबह 8:27 बजे, तिथि समाप्त होने के बाद किया जाएगा.
शुक्र प्रदोष व्रत का धार्मिक महत्व (Pradosh Vrat 2025)
शुक्रवार को प्रदोष व्रत पड़ने के कारण यह व्रत विवाहित महिलाओं द्वारा पति की लंबी उम्र, सुख-सौभाग्य और पारिवारिक समृद्धि की कामना के लिए रखा जाता है. शिव पूजन से जीवन में शत्रुओं पर विजय, कष्टों से मुक्ति और आध्यात्मिक बल प्राप्त होता है.
दुर्लभ योग (Pradosh Vrat 2025)
25 अप्रैल 2025 को इंद्र योग (दिन-रात) और शिववास योग (सुबह तक) का संयोग बन रहा है, जो सफलता व सौभाग्य बढ़ाता है. पुराण में वर्णित कथा के अनुसार, इस व्रत से दुर्घटनाओं एवं अशुभ प्रभावों से बचाव होता है. शिव-पार्वती की आराधना से सुख-समृद्धि, धनलाभ और कार्यों में सफलता प्राप्त होती है.
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