पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद अब भारत और पाकिस्तान के संबंध पहले की तरह नहीं है। सिंधु जल समझौता रद्द होते ही अब एक बार फिर से पुरानी बातें लोगों को याद आने लगी है, इसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का दिया गया बयान भी याद आया है। वहीं कुछ जानकारो का यह भी कहना है कि अब सिंधु का पानी अगर पंजाब को पूरी तरह मिले तो इससे पंजाब में पानी की कमी दूर हो जाएगी।
सिंधु जल समझौता का सबसे बड़ा असर पंजाब, जम्मू कश्मीर पर ही पड़ता है, हालांकि अगर यह समझौता रद होता है तो इन दोनों राज्यों को फायदा होगा। पंजाब में होने वाला जल संकट दूर होगा। अकेले पंजाब को दस हजार क्यूसिक पानी रावि के माध्यम से मिल सकता है, इससे पंजाब में पानी की कमी काफी हद तक हल हो जाएगी।
सभी नदी भारत से निकलती हैं
आपको बता दें कि सिंधु जल समझौते के तहत आने वाली सभी नदियां भारत के क्षेत्र से निकलती हैं लेकिन इनका बहाव पाकिस्तान में है। भारत-पाक विभाजन के बाद से ही भारत यह कोशिश करता आ रहा है कि जिन नदियों चिनाब, झेलम और सिंधु का पानी पूरी तरह से पाकिस्तान के पास आ गया है, उन पर बिजली पैदा करने के लिए डैम बनाने की इजाजत दी जाए लेकिन पाकिस्तान इसका लगातार विरोध करता आ रहा है, इससे लगातार भारत को नुकसान हुआ है।

2016 में कही थी यह बड़ी बात
आपको बता दें कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की 2016 में की गई टिप्पणी याद आ गई। उन्होंने तब कहा था कि खून और पानी एक साथ नहीं बह सकते। देखने वाली क्या बात है कि सिंधु जल समझौता रद्द होने के बाद इन नदियों के पानी का उपयोग किस तरह से किया जा सकता है और पंजाब और इससे जुड़े हुए अन्य स्थान को क्या फायदा मिल सकता है।
- MP का एक और अजूबा: 90 और Z शेप के बाद मिला 86 डिग्री रेलवे ब्रिज, 7 साल में खर्च हुए 38 करोड़
- Exclusive: जहां शब्द थम जाएं, वहां सिस्टम बोलेगा, जिंदगी बचाने का संकेत होगी दर्दभरी पोस्ट, Meta और पुलिस की साझेदारी, हर जान की होगी रखवाली, डिजिटल संकेत बनेंगे जीवन की शुरुआत
- Dhadak 2 का ट्रेलर रिलीज, Trailer में दिख रही प्यार से लेकर लड़ाई तक की कहानी …
- गृहमंत्री अमित शाह के सामने CM सोरेन ने रखी 31 डिमांड, करोड़ों के बकाया और मंईयां सम्मान योजना पर मांगा केंद्र का समर्थन
- सरकारी दुकान से कोचियों को शराब की सप्लाई, रात में कोचियों का नेटवर्क एक्टिव, गली-गली में बिक रही अवैध शराब