रायपुर. जम्मू कश्मीर के पहलगाम में आतंकी हमले के बाद छत्तीसगढ़ के 64 लोग कश्मीर में फंसे हैं. सभी को श्रीनगर के होटल में ठहराया गया था, जो अब बस से अपने गंतव्य की ओर जाने निकल गए हैं. पहलगाम आतंकी हमले के वक्त छत्तीसगढ़ के वरिष्ठ पत्रकार रामअवतार श्रीनगर में मौजूद थे. उन्होंने वीडियो शेयर कर कहा, श्रीनगर में अब हालात सामान्य है. पर्यटकों की श्रीनगर से सड़क मार्ग से वापसी जारी है. 4 दिनों से श्रीनगर और आसपास घूम रहा था. मैं भी अपने परिवार के साथ छत्तीसगढ़ लौट रहा हूं.

सीएम साय ने फोन पर बातचीत कर जाना हालचाल

पत्रकार रामअवतार तिवारी ने बताया कि पहलगाम घूमने के लिए जा रहे थे, लेकिन हमें सुरक्षाबलों ने रास्ते में ही रोक दिया. फायरिंग के बाद सुरक्षाबल सर्च ऑपरेशन चला रहे हैं. इस वजह से पर्यटकों को वहां जाने की अनुमति नहीं है. CM साय ने फोन से हाल-चाल जाना है. हम सभी सुरक्षित हैं. तिवारी ने बताया कि आतंकी हमले के बाद पहलगाम को खाली करा दिया गया है. सभी बाजार और पर्यटक क्षेत्र बंद कर दिए गए हैं. इलाके में सुरक्षा बढ़ा दी गई है. श्रीनगर में दुकानें खुली हुई है. हालात अब सामान्य है.

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CCS की बैठक में लिए गए हैं ये 5 बड़े फैसले

बता दें कि पहलगाम आतंकी हमले में 26 पर्यटक मारे गए हैं. कई लोग घायल हुए हैं. हमले के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा है कि हमले के ज़िम्मेदारों को बख्शा नहीं जाएगा. पहलगाम आतंकी हमले की गंभीरता को देखते हुए कैबिनेट सुरक्षा समिति (CCS) ने 5 बड़े फैसले भी लिए हैं. दोनों उच्चायोगों में कर्मचारियों की कुल संख्या को मौजूदा 55 से घटाकर 30 किया जाएगा, जिसकी प्रक्रिया 1 मई तक पूरी कर ली जाएगी. 1960 की सिंधु जल संधि को तत्काल प्रभाव से स्थगित किया जा रहा है, जब तक कि पाकिस्तान सीमापार आतंकवाद को समर्थन देना बंद नहीं कर देता.

इंटीग्रेटेड चेक पोस्ट अटारी को तत्काल प्रभाव से बंद किया जा रहा है. वैध अनुमति के साथ जो लोग इस रास्ते से भारत आए हैं, वे 1 मई से पहले इसी रास्ते से वापस जा सकते हैं. पाकिस्तानी नागरिकों को अब SAARC वीज़ा छूट योजना (SVES) के तहत भारत यात्रा की इजाजत नहीं दी जाएगी. पहले जारी सभी SVES वीज़ा निरस्त माने जाएंगे. अभी SVES वीज़ा पर भारत में रह रहे किसी भी पाकिस्तानी नागरिक को 48 घंटों के भीतर भारत छोड़ना होगा. नई दिल्ली स्थित पाकिस्तानी उच्चायोग में रक्षा/सेना, नौसेना और वायुसेना सलाहकारों को “पर्सोना नॉन ग्राटा” घोषित किया गया है. उन्हें भारत छोड़ने के लिए एक हफ्ते का वक्त दिया गया है. भारत इस्लामाबाद स्थित अपने उच्चायोग से भी रक्षा/नौसेना/वायुसेना सलाहकारों को वापस बुलाएगा. दोनों उच्चायोगों में ये पद अब निरस्त माने जाएंगे. सेवा सलाहकारों के पांच सहायक कर्मचारी भी दोनों उच्चायोगों से वापस बुलाए जाएंगे.

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