कुमार इंदर, जबलपुर। मध्य प्रदेश हाईकोर्ट में मोबाइल ऐप से निजी जानकारी चुराने की आशंका वाली जनहित याचिका पर जबलपुर HC ने केंद्र, गूगल, माइक्रोसॉफ्ट और मोबाइल कंपनी शाओमी से 4 हफ्तों में जवाब मांगा है। याचिका में कहा, मोबाइल में इंस्टॉल ऐप यूजर की जानकारी किससे साझा कर रहे हैं, इसका पता नहीं चलता। इससे साइबर ठगी, राष्ट्रीय सुरक्षा को खतरा है।
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चीफ जस्टिस सुरेश कुमार कैत और जस्टिस विवेक जैन की खंडपीठ ने सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय, सेंटर फॉर डेवलपमेंट ऑफ एडवांस कम्प्यूटिंग, एसटीक्यूसी निदेशालय, कम्प्यूटर इमरजेंसी रिस्पॉन्स टीम, माइक्रोसॉफ्ट गूगल, एपल व शाओमी को नोटिस जारी किए है। याचिका में ऐप की पूर्व जांच कर मोबाइल यूजर्स के लिए सुरक्षित घोषित करने के लिए सरकार से स्वतंत्र नियामक संस्था बनाने की मांग की है।
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अधिवक्ता अमिताभ गुप्ता ने याचिका में कोर्ट को बताया, मोबाइल में ऐप इंस्टॉल करते हैं तो कई परमिशन मांगते हैं। हम परमिशन दे भी देते हैं, पर कई ऐप में कॉन्टैक्ट, फाइल या कैमरा का कोई उपयोग नहीं होता। फिर भी यह इन सभी की परमिशन मांगते हैं। इस तरह से मोबाइल की निजी जानकारी चोरी करने का यंत्र बन जाता है।
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