मथुरा. वैसे तो योगी सरकार सुशासन की गाथा गाने में कोई कसर नहीं छोड़ती. सीएम योगी अपनी सरकार और सिस्टम को सबसे बेहतर बताते हैं, लेकिन सीएम योगी का ये दावा केवल दावा है. अगर इस बात में सच्चाई होती तो भाजपा नेता की बेरहमी से हत्या नहीं होती. योगी सरकार के सिस्टम की लापरवाही है, जिससे भाजपा नेता की जान गई है. क्या योगी सरकार और उनका ‘निकम्मा सिस्टम’ मौत की जिम्मेदारी लेगा?

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बता दें कि पूरा मामला गोविंद नगर थाना क्षेत्र का है. भाजपा नेता हेमेंद्र गर्ग ने सीएम योगी को पत्र लिखकर जान के खतरे की जानकारी दी थी. इतना ही नहीं हेमेंद्र गर्ग ने पुलिस को 40 बार आवेदन दिया था और आवेदन के जरिए उन लोगों का नाम तक बताया था, जिनसे उनकी जान को खतरा था. उसके बाद भी यूपी पुलिस के कान में जू नहीं डोली. उसी का नतीजा है कि भाजपा नेता की गोली मारकर हत्या कर दी गई.

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जानकारी के अनुसार, हेमेंद्र गर्ग का कुछ लोगों से जमीन को लेकर विवाद चल रहा था. उनके द्वारा दिए गए शिकायत पत्र में उन्होंने कहा था कि उनकी जमीन पर निर्माण कराया जा रहा है. जिसकी शिकायत करने के बाद भी रोक नहीं लगी है. जमीन विवाद को लेकर भूमाफिया उनकी हत्या कर सकते हैं. लेकिन उनकी शिकायत पर ध्यान नहीं दिया गया. इससे सवाल खड़े हो रहे हैं कि क्या योगी सरकार की पुलिस भूमाफियाओं के साथ सेंटिग कर ली थी?