जयपुर: राजस्थान में कांग्रेस और बीजेपी के बीच तनातनी चरम पर पहुंच गई है. कांग्रेस नेताओं ने आरोप लगाया है कि सीकर में मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा को काले झंडे दिखाने वाले NSUI के जिला अध्यक्ष ओमप्रकाश नागा को पुलिस परेशान कर रही है. इस मुद्दे पर कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा, नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली और करीब 20 विधायकों ने गुरुवार को पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) यू आर साहू के कार्यालय के बाहर धरना दिया.
क्या है पूरा मामला
कांग्रेस का आरोप है कि 19 अप्रैल को सीकर दौरे के दौरान मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा को काले झंडे दिखाने के बाद NSUI जिला अध्यक्ष ओमप्रकाश नागा को निशाना बनाया जा रहा है. नागा को बुधवार को गिरफ्तार कर लिया गया. कांग्रेस नेताओं का कहना है कि पुलिस ने उनके साथ गंभीर अपराधियों जैसा व्यवहार किया, जो लोकतांत्रिक मूल्यों का उल्लंघन है. डोटासरा के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल डीजीपी से मिलने गया, लेकिन बातचीत के बाद भी कोई समाधान न निकलने पर वे डीजीपी कक्ष के बाहर धरने पर बैठ गए.
गहलोत ने भी साधा निशाना
पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने इस मामले पर ‘एक्स’ के जरिए तीखी प्रतिक्रिया दी. उन्होंने कहा, “सीकर में NSUI नेता ओमप्रकाश नागा को गिरफ्तार कर उनके साथ अपराधियों जैसा व्यवहार लोकतंत्र के खिलाफ है.” गहलोत ने बीकानेर का भी जिक्र किया, जहां PCC सचिव रामनिवास कूकना के घर पुलिस ने छापेमारी की और उनके खेत से ट्रांसफार्मर हटा लिया, साथ ही उनकी पारिवारिक डेयरी को सील कर दिया. गहलोत ने आरोप लगाया कि बीजेपी सरकार के दबाव में पुलिस कानून से बाहर जाकर कार्रवाई कर रही है. उन्होंने मुख्यमंत्री, गृह सचिव और डीजीपी से ऐसी “अलोकतांत्रिक कार्रवाइयों” को तुरंत रोकने की मांग की.
फिर कांग्रेस ने बनाई रणनीति
कांग्रेस ने पुलिस कार्रवाई के खिलाफ एक बैठक में प्रस्ताव पारित कर इसकी निंदा की. पार्टी महासचिव स्वर्णिम चतुर्वेदी ने बताया कि डोटासरा, जूली और विधायकों ने डीजीपी कार्यालय में धरना देकर विरोध दर्ज किया. कांग्रेस का कहना है कि यह कार्रवाई राजनीति से प्रेरित है और इसका मकसद विपक्षी नेताओं को दबाना है.