रायपुर- “कलेक्टर अऊ डॉक्टर के बाद ए दारी किसान के बेटा अउ नांगरजोत्ता ला तुमन मुख्यमंत्री बनाये हव,ऐखरे सेती हमर सरकार हा किसान मन ला फायदा देवाये बर अतेक अकन फैसला कर डारे हे. हमन दस हजार करोड़ रुपिया के कर्जा माफ करेन,2500 रुपिया कुंटल के हिसाब से 20000 करोड़ के धान खरीदे हन अउ बिजली बिल ला हाफ करे हन. नरवा,घुरुवा,गरुवा अउ बारी ला बचाये के अभियान छेड़े हन. तुमन बताव कर्जा माफी हो गे के नहीं,बिजली बिल आधा होये हे के नहीं, मोदी हा 15 लाख सब्बो झन के खाता मा डरवाबे कहे रहिस,तेन आये के नहीं.डॉ रमन सिंह मोला छोटे आदमी कथे,लेकिन मैं कथंव हां मैं छोटे आदमी हंव,किसान के बेटा हंव अउ अइसने छोटे आदमी रहिके मैं किसान के,गरीब के,मजदूर के सेवा करना चाहत हंव” मुख्यमंत्री भूपेश बघेल अपनी हर सभाओं में ठेठ छत्तीसगढ़ी में लोगों के संबोधित करते हुए ये बातें करतें हैं. जनता और मुख्यमंत्री के बीच सीधा संवाद होता है और इस बीच सभाओं में मौजूद लोग भूपेश बघेल जिंदाबाद के नारों के साथ मुख्यमंत्री की बातों से जोश में आ जाते हैं.
लल्लूराम डॉट कॉम के संपादक मनोज सिंह बघेल ने सीएम भूपेश बघेल के चुनाव प्रचार के तरीके को समझने के लिये 13 अप्रेल को पूरा दिन उनके साथ गुजारा और इस दौरान उनके चुनाव प्रचार और जनता से संवाद के तरीके को समझा. पिछले मुख्यमंत्रियों से इतर सीएम भूपेश खुद दो अलग-अलग मोबाइल फोन और हाथ में कुछ एक कागजात लेकर हेलीकॉफ्टर में सवार होते हैं.हेलीकॉफ्टर के उड़ान भरते ही मुख्यमंत्री फाइलनुमा कुछ कागजातों का अध्ययन करते हैं और फिर इसके बाद अपने दोनों मोबाइल फोन में आये मैसेज और व्हाट्सएप के संदेश को पढ़ते हैं. इसके बाद वे उडान भरने के दौरान अपने समय का उपयोग करते हुए निकट सहयोगियों और कार्यकर्ताओं से मोबाइल पर बतियाते हुए चुनाव का फीडबैक लेते हुए कुछ जरुरी चर्चा करते हैं. लगातार व्यस्त दौरों और थकान के चलते सीएम भूपेश हेलीकॉफ्टर में मौका मिलते ही छोटी छोटी झपकी मारते हुए अपनी नींद भी पूरी कर लेते हैं. बहुत व्यस्त शेड्यूल होने के कारण उनका नाश्ता और भोजन दोनों हेलीकॉफ्टर में ही होता है.
हेलीकॉफ्टर सभा स्थल के पास उतरती है और सीएम भूुपेश एक्शन में आ जाते हैं. हेलीकॉफ्टर उतरते समय से ही लोगों को हाथ हिलाकर अभिवादन करते हैं. हेलीकॉफ्टर से बाहर आते ही स्थानीय कार्यकर्ता स्वागत के लिये उमड़ पड़ते हैं. सुरक्षाकर्मियों को सख्त हिदायत दी गई है कि वो मुख्यमंत्री और कार्यकर्ताओं के बीच अनावश्यक रुप से न घुसें,इसलिये सुरक्षाकर्मी दूर से ही व्यवस्थाओं को संभालते रहते हैं. स्वागत सत्कार के बाद सीएम पैदल ही करीब 100 मीटर की दुरी तय करते हैं और इस दौरान आम लोगों से हाथ मिलाते हुए और कुछ लोगों से चलते चलते बात करने लगते हैं.मंच पर सीएम के पहुंचते ही भूपेश बघेल जिंदाबाद के नारे से सभास्थल गूंजायमान हो जाता है. मंच पर विधायकों के भाषण के दौरान सीएम से बात करने के लिये स्थानीय पदाधिकारी लालायित दिखते हैं और सीएम सभी से संक्षिप्त में बात करते हैं.
सीएम भूपेश छत्तीसगढ़ी में भाषण की शुरुआत करते हैं.भाषण में अपने सरकार के 100 दिन की उपलब्धियां,कांग्रेस के चुनावी वादों को पूरा करने की बात,केन्द्र सरकार की वादाखिलाफी, राज्य की पूर्ववर्ती सरकार के भ्रष्टाचार जैसी बातों पर वे विस्तार से बातचीत करते हैं. चौकीदार चोर है का नारा सीएम की हर सभाओँ में लगता है और इस बीच सीएम अपनी बात में पूर्व सीएम रमन सिंह के दामाद पर 50 करोड़ रुपये लेकर भाग जाने की बात करते हैं और फिर डॉ रमन सिंह के चौकीदार होने के दावे पर सवाल उठाते हुए कहते हैं कि ये कैसा चौकीदार है भाई.15 से 20 मिनट के भाषण में सीएम लगातार आम जनता से संवाद करते हैं और फिर इसके बाद वोट देने की अपील करते हुए अपना भाषण समाप्त करतें हैं.
भाषण के बाद एक बार फिर सीएम हेलीकॉफ्टर की ओर पैदल ही जाते हैं और इस दौरान आम लोगों से हाथ मिलाने और उनसे बातचीत करने का सिलसिला जारी रहता है. एक बार फिर हेलीकॉफ्टर उड़ान भरता है और उसके बाद सीएम फिर अपना दोनों मोबाइल फोन चेक करते हैं.भीषण गर्मी के चलते हेलीकॉफ्टर में बैठते ही सीएम पसीने से तरबतर हो जाते हैं और एसी के काम करने का इंतजार करने लगते हैं.सुबह से लेकर शाम तक सीएम की चुनावी यात्रा लगातार चलती है और हर सभा के बाद हेलीकॉफ्टर में इसकी समीक्षा भी हो जाती है. साथ ही आगामी रणनीति पर चर्चा भी शुरु हो जाती है. पूरी यात्रा के दौरान सीएम बेहद सहज और सरल नजर आते हैं.उनका ठेठ छत्तीसगढ़िया अंदाज सभा में मौजूद लोगों के लिये चर्चा का विषय बन जाता है और सीएम दूसरे पड़ाव के लिये फुर्र हो जाते हैं.