भारत ने पहलगाम में हुए कायराना हमले के बाद पाकिस्तान के खिलाफ सख्त कदम उठाए हैं, जिसमें सिंधु जल समझौते को रोकने का निर्णय भी शामिल है. इस कार्रवाई से पाकिस्तान में हड़कंप मच गया है, और वह लगातार धमकी भरे बयानों का सहारा ले रहा है. पाकिस्तान के पूर्व विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो (Bilawal Bhutto) जरदारी ने एक उत्तेजक भाषण में कहा कि सिंधु नदी में अब या तो पानी बहेगा या उनका खून. उन्होंने यह भी दावा किया कि सिंधु नदी उनका है और हमेशा रहेगा.
बिलावल भुट्टो ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट में कहा कि हम सिंधु नदी पर किसी भी प्रकार की सौदेबाजी को स्वीकार नहीं करेंगे. उन्होंने आरोप लगाया कि मोदी सरकार अपनी कमजोरियों को छिपाने और जनता को गुमराह करने के लिए पाकिस्तान पर झूठे आरोप लगाकर सिंधु जल संधि को एकतरफा तरीके से निलंबित कर रही है. भुट्टो ने सुक्कुर में सिंधु नदी के किनारे खड़े होकर भारत को स्पष्ट संदेश दिया कि यह नदी हमारी है और हमेशा हमारी रहेगी. उन्होंने कहा कि इस नदी से या तो हमारा पानी बहेगा या फिर खून.
‘हमारी फौज हर हमले का जवाब देने को तैयार’
बिलावल ने कहा कि भारत की बड़ी आबादी का यह मतलब नहीं है कि वे पानी के अधिकारों का निर्धारण कर सकते हैं. पाकिस्तान की जनता साहसी और गर्वित है, और हम हर चुनौती का सामना करने के लिए तैयार हैं. हमारी सीमाओं पर तैनात सेना हर हमले का मुंहतोड़ जवाब देने के लिए तत्पर है.
दरिया पर डाका मंज़ूर नहीं
बिलावल ने सिंधु नदी को पाकिस्तान की सांझी धरोहर बताते हुए देशवासियों से एकजुटता की अपील की. उन्होंने कहा कि हर पाकिस्तानी को सिंधु का संदेश लेकर दुनिया के सामने आना चाहिए, यह दर्शाते हुए कि हमारे दरिया पर किसी भी प्रकार का हमला स्वीकार नहीं किया जाएगा. दुश्मन की नजरें हमारे जल संसाधनों पर हैं, इसलिए पूरे देश को मिलकर इसका प्रभावी जवाब देना होगा.
‘हर मंसूबे का करारा जवाब देंगे’
बिलावल ने चारों प्रांतों की एकता पर जोर देते हुए कहा कि ये चार सूबे एक-दूसरे के भाई की तरह हैं. उन्होंने चेतावनी दी कि ये सभी मिलकर भारत के हर प्रयास का मजबूती से सामना करेंगे. यह बयान उस समय आया है जब भारत ने पहलगाम हमले के बाद सिंधु जल संधि को निलंबित करने का निर्णय लिया है, जिसे पाकिस्तान ने ‘युद्ध के समान’ बताया है.
भारत की आबादी हमसे ज्यादा
भुट्टो, पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी के प्रमुख, ने कहा कि भले ही भारत की जनसंख्या हमसे अधिक हो, लेकिन पाकिस्तान के लोग साहसी हैं. उन्होंने यह स्पष्ट किया कि हम बहादुरी से लड़ेंगे और हमारी आवाज सीमाओं पर एक मजबूत जवाब देगी. उन्होंने यह भी बताया कि यह नदी सभी पाकिस्तानियों की है और वर्तमान में हमारा पड़ोसी देश इस पर नजर गड़ाए हुए है. उन्होंने पूरे पाकिस्तान से एकजुट होकर इस चुनौती का सामना करने की अपील की.
भारत ने पाकिस्तान को भेजा पत्र
भारत ने सिंधु जल संधि को स्थगित करने की सूचना पाकिस्तान को लिखित रूप में भेज दी है. जल शक्ति मंत्रालय की सचिव देवश्री मुखर्जी ने पाकिस्तान के जल संसाधन मंत्रालय के सचिव सैयद अली मुर्तजा को एक पत्र के माध्यम से इस निर्णय की जानकारी दी. भारत ने संधि में संशोधन के लिए एक नोटिस भी जारी किया है, जिसमें स्पष्ट किया गया है कि भारत सरकार ने पाकिस्तान सरकार को इस संदर्भ में नोटिस दिया है.
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