कश्मीर के पहलगाम में हिंदू पर्यटकों पर हुए आतंकवादी हमले के बाद, दिल्ली सरकार ने पाकिस्तानी नागरिकों के प्रति कड़ा रुख अपनाया है. केंद्र सरकार के आदेश के अनुसार, दिल्ली सरकार ने सभी पाकिस्तानी नागरिकों को तुरंत भारत छोड़ने का निर्देश दिया है. इस हमले में 26 निर्दोष लोगों की जान गई थी.दिल्ली सरकार ने घोषणा की है कि वह केंद्र के निर्देशों का पालन कर रही है, जिसके अनुसार सभी मौजूदा वीजा, सिवाय मेडिकल, राजनयिक और लॉन्ग टर्म वीजा के, पाकिस्तानी नागरिकों के लिए तुरंत प्रभाव से रद्द कर दिए गए हैं.
दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने सोशल मीडिया पर जानकारी दी कि दिल्ली सरकार इन आदेशों का कड़ाई से पालन करवा रही है. हर प्रकार के उल्लंघन पर ध्यान दिया जा रहा है और आवश्यक कार्रवाई की जाएगी.
दिल्ली सरकार के गृह विभाग ने शुक्रवार को एक प्रेस विज्ञप्ति में जानकारी दी कि भारत सरकार द्वारा पाकिस्तानी नागरिकों को जारी किए गए सभी वैध वीजा, मेडिकल, लॉन्ग टर्म, डिप्लोमैटिक और ऑफिशियल वीजा को छोड़कर, 27 अप्रैल, 2025 से प्रभावी रूप से रद्द कर दिए जाएंगे. इसके अलावा, मौजूदा मेडिकल वीजा भी 29 अप्रैल के बाद अमान्य हो जाएंगे और नए वीजा जारी नहीं किए जाएंगे.
केंद्र सरकार ने पहलगाम आतंकी हमले के बाद पाकिस्तान के खिलाफ कई कठोर कदम उठाए हैं. इनमें सिंधु जल संधि को निलंबित करना और अटारी सीमा पर इंटीग्रेटेड चेक पोस्ट को बंद करना शामिल है. इसके अतिरिक्त, भारत सरकार ने सार्क वीजा छूट योजना के तहत जारी सभी वीजा को रद्द कर दिया है.
भारत ने पाकिस्तानी उच्चायोग में तैनात रक्षा, नौसेना और वायु सलाहकारों को अवांछित व्यक्ति घोषित करते हुए उन्हें एक सप्ताह के भीतर भारत छोड़ने का निर्देश दिया है. इसके साथ ही, भारत ने इस्लामाबाद स्थित भारतीय उच्चायोग से अपने रक्षा, नौसेना और वायु सलाहकारों को वापस बुलाने का निर्णय लिया है, जिससे संबंधित पदों को निरस्त माना जाएगा. इसके अतिरिक्त, इन सलाहकारों के पांच सहायक स्टाफ को भी दोनों उच्चायोग से वापस बुलाया जाएगा.
उच्चायोगों की संख्या को और अधिक कटौती करते हुए वर्तमान 55 से घटाकर 30 करने का निर्णय लिया गया है, जो 01 मई 2025 से लागू होगा.
मंगलवार को आतंकवादियों ने पहलगाम के बैसरन मैदान में पर्यटकों पर हमला किया, जिसमें 25 भारतीय नागरिक और एक नेपाली नागरिक की जान चली गई, जबकि कई अन्य घायल हुए. यह हमला 2019 के पुलवामा हमले के बाद घाटी में हुआ सबसे घातक हमलों में से एक था, जिसमें 40 सीआरपीएफ जवान शहीद हुए थे.
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