अमृतसर. पंजाब सरकार ने ड्राइविंग लाइसेंस घोटाले में बड़ी कार्रवाई की है। पंजाब विजिलेंस प्रमुख सुरिंदर पाल सिंह परमार के साथ-साथ एआईजी और एसएसपी विजिलेंस को भी निलंबित कर दिया गया है। इससे पहले मुख्यमंत्री भगवंत मान स्पष्ट कर चुके हैं कि जो भी भ्रष्टाचारियों को बचाएगा, उसे बख्शा नहीं जाएगा। यह कार्रवाई आज ही की गई है।


उन्हें सरकार ने 26 मार्च को इस पद की जिम्मेदारी सौंपी थी। नागेश्वर राव को हटाने के बाद उन्हें इस पद पर नियुक्त किया गया था। इससे स्पष्ट है कि सरकार अब भ्रष्टाचार के मुद्दे को गंभीरता से ले रही है।


7 अप्रैल को आरटीए कार्यालयों की जांच


जानकारी के अनुसार, 7 अप्रैल को क्षेत्रीय परिवहन प्राधिकरण (आरटीए) कार्यालयों और ड्राइविंग टेस्ट केंद्रों पर छापेमारी की गई थी। इस दौरान, रिश्वतखोरी और अन्य अनियमितताओं में शामिल 24 व्यक्तियों को गिरफ्तार किया गया। इस दौरान कुल 16 एफआईआर दर्ज की गईं और अधिकारियों ने एजेंटों से 40,900 रुपये नकद बरामद किए। सरकार ने दावा किया है कि यह राशि ड्राइविंग लाइसेंस, टेस्ट और अन्य सेवाएं प्रदान करने के बदले एकत्र की गई थी। मामला अभी भी जांच के अधीन है।