हेमंत शर्मा, इंदौर। मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने कहा कि ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट (GIS) के महज 60 दिन भी पूरे नहीं हुए हैं, और हमने निवेश प्रस्तावों को धरातल पर उतारने का काम तेज़ी से शुरू कर दिया है। GIS में मिले प्रस्तावों को अब अलग-अलग सेक्टरों में वास्तविक काम के रूप में परिणत किया जा रहा है। सीएम ने बताया कि साइंस एंड टेक्नोलॉजी विभाग के जरिए जो 99 प्रतिशत प्रस्ताव आए थे, उनमें से 25 प्रतिशत के भूमि पूजन और लोकार्पण आज हो चुके हैं। इससे सरकार की तात्कालिकता और प्रतिबद्धता साफ झलकती है।
रविवार को सीएम डॉ मोहन यादव ने इंदौर के ब्रिलिएंट कन्वेंशन सेंटर में ‘मध्यप्रदेश टेक ग्रो कॉन्क्लेव 2025’ का शुभारंभ किया। इसके बाद उन्होंने प्रेस कॉन्फ्रेंस की। जिसमें उन्होंने बताया कि केवल आईटी सेक्टर ही नहीं, बल्कि अन्य उद्योगों को भी समान रूप से बढ़ावा दिया जा रहा है। सरकार ने वर्ष 2025 को ‘उद्योग और रोजगार वर्ष’ के रूप में मनाने का संकल्प लिया है। मुख्यमंत्री ने बताया कि इंदौर, भोपाल, ग्वालियर, जबलपुर के साथ रीवा और उज्जैन में भी आईटी पार्कों का विकास शुरू हो चुका है। उज्जैन में एक बिल्डिंग बनकर तैयार हो गई है और दूसरी का टेंडर भी हो गया है। इसी तरह रीवा में भी कार्य पूरा किया गया है।
ये भी पढ़ें: Indore में एमपी टेक ग्रो कॉन्क्लेव 2025 का शुभारंभ: CM डॉ मोहन ने दी कई सौगात, Conclave में आया हजारों करोड़ का निवेश
20 हजार करोड़ का आया निवेश
भोपाल में इलेक्ट्रॉनिक मैन्युफैक्चरिंग क्लस्टर विकसित किया जा रहा है, जिसमें 1500 करोड़ रुपये का निवेश होगा और बड़ी संख्या में रोजगार के अवसर पैदा होंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि आईटी क्षेत्र में लगभग 20,000 करोड़ रुपये के प्रस्ताव आए हैं, जिससे करीब 75,000 लोगों को रोजगार मिलेगा। मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि नए इन्वेस्टमेंट के लिए एमपी-दम (डिवेलपमेंट एंड मैनेजमेंट) का गठन किया जा रहा है। इसके साथ ही इंदौर में इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ क्रिएटिव टेक्नोलॉजी ई-सिटी बनाने का काम भी शुरू किया जा रहा है, जो डिजिटल इनोवेशन और स्किल डेवलपमेंट का केंद्र बनेगा।
उन्होंने बताया कि आईआईटी इंदौर में एग्री-टेक सेंटर ऑफ एक्सीलेंस भी स्थापित होगा, जो कृषि क्षेत्र में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और क्लाउड टेक्नोलॉजी का उपयोग कर नवाचार को बढ़ावा देगा। इसके अलावा, सीएम ने कहा कि जीसीसी नीति 2025, एमपी सेमीकंडक्टर नीति 2025, एवीजीसी-जेड नीति 2025 और एमपी ड्रोन नीति 2025 के जरिए नए सेक्टरों में भी निवेश आकर्षित किया जाएगा।
ये भी पढ़ें: मंदसौर हादसे पर PM मोदी-सीएम डॉ मोहन ने जताया दुख: मृतकों के परिजनों को आर्थिक सहायता राशि का किया ऐलान, कुएं में कार गिरने से 12 की हुई थी मौत
सीएम ने अतुल चौरडिया का किया उल्लेख
मुख्यमंत्री डॉ मोहन ने विशेष रूप से अतुल चौरडिया का भी उल्लेख किया, जो इंदौर में 2000 करोड़ का निवेश कर रहे हैं और भविष्य में इसे 5000 करोड़ तक बढ़ाने की योजना है। उन्होंने कहा कि इतनी अनुकूलता और सकारात्मक माहौल मध्य प्रदेश में है कि निवेशक खुद यहां निवेश बढ़ाने को उत्साहित हो रहे हैं। उन्होंने बताया कि GIS के बाद हर सेक्टर में क्षेत्रीय स्तर पर छोटे-छोटे कॉन्क्लेव आयोजित किए जा रहे हैं, जैसे कि जल्द ही एग्रीकल्चर सेक्टर का बड़ा कार्यक्रम सिहोर में किया जाएगा। उन्होंने कहा कि कृषि ग्रोथ रेट बढ़ाने के साथ-साथ एग्री-प्रोसेसिंग यूनिट्स लगाने पर भी काम किया जा रहा है।
नवीन और नवकरणीय ऊर्जा के क्षेत्र में भी बड़ी तेजी से काम हो रहा है। मोहासा-बाबई क्षेत्र में 200 हेक्टेयर भूमि तत्काल निवेशकों को दी गई, जो तुरंत भर गई, इसके बाद और भूमि की मांग आई। अब तक 1000 एकड़ से ज्यादा जमीन निवेश के लिए दी जा चुकी है। मुख्यमंत्री ने अंत में कहा कि हमारी सरकार का लक्ष्य है उद्योग, रोजगार, महिला, किसान, युवा और गरीब – हर वर्ग के कल्याण के लिए काम करना और मध्य प्रदेश को आर्थिक रूप से सशक्त बनाना। हम सभी को मिलकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में इस संकल्प को साकार करना है।
Lalluram.Com के व्हाट्सएप चैनल को Follow करना न भूलें.
https://whatsapp.com/channel/0029Va9ikmL6RGJ8hkYEFC2H
- छत्तीसगढ़ की खबरें पढ़ने यहां क्लिक करें
- उत्तर प्रदेश की खबरें पढ़ने यहां क्लिक करें
- लल्लूराम डॉट कॉम की खबरें English में पढ़ने यहां क्लिक करें
- खेल की खबरें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें
- मनोरंजन की बड़ी खबरें पढ़ने के लिए करें