Rajasthan News: राजस्थान सरकार ने सरकारी विभागों में सिंगल यूज प्लास्टिक के उपयोग पर कड़ी रोक लगाने का फैसला लिया है। पंचायती राज मंत्री मदन दिलावर ने स्पष्ट निर्देश जारी करते हुए कहा कि कोई भी सरकारी अधिकारी या कर्मचारी यदि प्लास्टिक उपयोग करते पाया गया तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।

सप्लायर्स और स्टॉकिस्ट पर सीधी कार्रवाई

अब तक छोटे दुकानदारों और ठेले वालों पर कार्रवाई होती थी, लेकिन इस बार सरकार ने रणनीति बदलते हुए सीधा सिंगल यूज प्लास्टिक के बड़े सप्लायर्स और स्टॉकिस्टों को निशाने पर लिया है। इन्हें 15 दिन के भीतर अपना स्टॉक हटाने का अल्टीमेटम दिया गया है। तय समय सीमा के बाद सख्त कानूनी कार्रवाई की चेतावनी भी जारी कर दी गई है।

प्लास्टिक उपयोग से हर साल लाखों मौतें

मंत्री मदन दिलावर ने चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि प्रदेश में प्लास्टिक के दुष्प्रभावों के कारण हर साल लगभग साढ़े सात लाख लोगों की जान चली जाती है। उन्होंने सभी सरकारी कार्यालयों, कार्यक्रमों और दैनिक गतिविधियों में प्लास्टिक के उपयोग पर पूरी तरह रोक लगाने का आदेश दिया है, ताकि पर्यावरण संरक्षण को मजबूती मिल सके।

वैकल्पिक सामग्री पर जोर

मंत्री ने निर्देश दिया कि न केवल सरकारी स्तर पर बल्कि आमजन के बीच भी प्लास्टिक के दुष्परिणामों के प्रति जागरूकता फैलाई जाए। प्लास्टिक के स्थान पर वैकल्पिक और टिकाऊ सामग्री के उपयोग को बढ़ावा देने के लिए व्यापक प्रचार-प्रसार किया जाएगा। इसके लिए स्वच्छ भारत मिशन, स्वायत्त शासन विभाग, प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड और पर्यावरण विभाग समेत कई एजेंसियों को समन्वित प्रयास करने के निर्देश दिए गए हैं।

बैठक में पंचायती राज विभाग के शासन सचिव डॉ. जोगाराम ने जानकारी दी कि राज्य में प्लास्टिक कचरे के वैज्ञानिक निस्तारण के लिए प्लास्टिक वेस्ट मैनेजमेंट यूनिट्स स्थापित की जाएंगी। यहां कचरे में से प्लास्टिक को अलग कर सही तरीके से नष्ट किया जाएगा, खासकर ग्रामीण इलाकों में स्वच्छता सुनिश्चित करने के लिए विशेष ध्यान दिया जाएगा।

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