special session of parliament : पटना/ कुंदन कुमार की रिपोर्ट
राजद के राज्यसभा सांसद मनोज झा ने पहलगाम हमले के बाद कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक बार सांसद का विशेष बैठक बुलाना चाहिए और बैठक के जरिए सभी दल मिलकर पूरे देश को यह संदेश देने का काम करना चाहिए था कि हम लोग एक जुट है।
सभी दल लगातार सरकार का साथ दे रहे
मनोज झा ने कहा कि पहलगाम हमले के बाद सभी दल लगातार सरकार का साथ दे रहे हैं और एकजुट होकर जो कुछ भी करना है उसकी रणनीति तय होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री के पास सलाहकार की बहुत बड़ी टीम है यह बात हम मानते हैं, लेकिन पूरे विश्व को एक संदेश भी देना जरूरी है कि भारत कहीं भी किसी भी चीज में किसी भी देश से पीछे नहीं है और इस तरह का अगर आतंकवादी घटना कहीं होता है तो हम लोग उसका महत्व जवाब दें सकते हैं।
एक संदेश पूरे देश दुनिया में दिया जा सके
मनोज झा ने आग्रह किया कि इसको लेकर प्रधानमंत्री को विशेष सत्र बुलाना चाहिए और सभी दल के लोग उस सत्र में आमंत्रित किए जाने चाहिए जिससे कि एक संदेश पूरे देश दुनिया में दिया जा सके।
क्या होता है संसद का विशेष सत्र
बजट, मानसून और शीतकालीन सत्र के अलावा सरकार अगर कोई और सत्र बुलाती है तो उसे विशेष सत्र कहा जाता है। विशेष सत्र बुलाने की परिस्थिति में सरकार सदन के हर सदस्य को तारीख और जगह बताती है। बता दें कि भारतीय संविधान में संसद के विशेष सत्र शब्द का कोई जिक्र नहीं है। हालांकि, सरकारों द्वारा इस्तेमाल किए जाने वाले विशेष सत्र को अनुच्छेद 85(1) के प्रावधानों के अनुसार बुलाया जाता है। अनुच्छेद 85(1) के तहत बाकी सत्र भी बुलाए जाते हैं।
सरकार सही समय आने पर सही फैसला लेगी
पटना वहीं केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान ने PahalgamTerroristAttack को लेकर विपक्ष द्वारा विशेष सत्र बुलाए जाने की मांग पर कहा, “विपक्ष की अपनी मांग है, मुझे लगता है कि सरकार सही समय आने पर सही फैसला लेगी। मुझे लगता है कि कार्रवाई सख्त होनी चाहिए ताकि मुंहतोड़ जवाब दिया जा सके। प्रधानमंत्री से लेकर गृह मंत्री तक लगातार बैठकें चल रही हैं। जिस तरह से पुलवामा के बाद आतंकियों को जवाब दिया गया, उसी दिशा में पहलगाम की घटना के बाद भी जवाब दिया जा सके इसके लिए सब प्रयासरत हैं।”
राजनीति करेगी तो यह उचित नहीं
कांग्रेस के ‘गायब’ पोस्ट पर उन्होंने कहा, “यह गलत है। यह संवेदनशील मुद्दा है, इसकी संवेदनशीलता को समझना विपक्ष की भी जिम्मेदारी है। कल जिस तरह जम्मू-कश्मीर विधानसभा में उमर अब्दुल्ला का बयान रहा, इसी तरह की गंभीरता की जरूरत है। ऐसे में अगर कांग्रेस पार्टी राजनीति करेगी तो यह उचित नहीं है।”
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