नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट में कॉलेजियम सिस्टम के खिलाफ बोल रहे वरिष्ठ वकील मैथ्यूज नेदुम्परा को CJI संजीव खन्ना ने फटकार लगा दी. वे कॉलेजियम सिस्टम के खिलाफ दायर अपनी याचिका को जल्द सूचीबद्ध करने की मांग कर रहे थे. इस पर भारत के मुख्य न्यायाधीश (CJI) संजीव खन्ना ने उन्हें फौरन टोका और कहा कि अदालत में राजनीतिक बयानबाजी न करें.

वकील नेदुम्परा ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के पूर्व सीजेआई डी.वाई. चंद्रचूड़ ने उनकी याचिका को सूचीबद्ध करने के निर्देश दिए थे. उन्होंने कॉलेजियम की जगह राष्ट्रीय न्यायिक नियुक्ति आयोग (NJAC) को फिर से लागू करने की मांग की और दावा किया कि यह समय की आवश्यकता है. उन्होंने यह भी कहा कि इस मुद्दे को उपराष्ट्रपति और देश की जनता भी उठा रही है.

इस पर मुख्य न्यायाधीश खन्ना ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा, “कृपया अदालत में राजनीतिक भाषण न दें. सिर्फ मुद्दे की बात करें.”

गौरतलब है कि यह याचिका वर्ष 2022 में दायर की गई थी, जिसमें न्यायाधीशों की नियुक्तियों के लिए कॉलेजियम प्रणाली को समाप्त करने और NJAC को पुनः लागू करने की मांग की गई थी. हालांकि, सुप्रीम कोर्ट की रजिस्ट्री ने पहले ही इस याचिका को स्वीकार करने से इनकार कर दिया था, यह कहते हुए कि यह मामला 2015 में दिए गए NJAC फैसले में पहले ही निपटाया जा चुका है.

रजिस्ट्री के अनुसार, याचिकाकर्ता इस रिट के माध्यम से उसी फैसले की समीक्षा की कोशिश कर रहे हैं, जिसे संविधान के अनुच्छेद 32 के तहत स्वीकार नहीं किया जा सकता. सुप्रीम कोर्ट नियम, 2013 के आदेश XV नियम 5 के अनुसार, रजिस्ट्रार यह तय कर सकता है कि कोई याचिका असंगत, तुच्छ या अपमानजनक है, और उसे खारिज किया जा सकता है. हालांकि, याचिकाकर्ता को इस इनकार के खिलाफ 15 दिनों के भीतर अपील करने का अधिकार प्राप्त है.