अयोध्या. हनुमानगढ़ी मंदिर की 288 साल पुरानी परंपरा एक झटके में बदल दिया गया है. परंपरा ऐसी थी कि गद्दीनशीन महंत हनुमानगढ़ से बाहर नहीं निकल सकते थे. परंपरा को अखाड़े के सभी सदस्यों बैठक बुलाकर बदल दिया गया है. जो काफी चौंकाने वाला है. इस फैसले के पीछे की वजह हनुमान जी को बताया गया.

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बता दें कि हनुमानगढ़ी मंदिर के गद्दीनशीन महंत प्रेमदास ने दावा किया कि उनके सपने में हनुमान जी आए थे. हनुमान जी ने उन्हें रामलला के दर्शन करने का आदेश दिया है. जिसके बाद अखाड़े के सभी सदस्यों की बैठक बुलाकर गद्दीनशीन महंत हनुमानगढ़ से बाहर जाने के फैसले को बदल दिया गया. अब महंत प्रेमदास रामलला के दर्शन के लिए जाएंगे.

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क्या थी 288 साल पुरानी परंपरा

1925 में हनुमानगढ़ी के संविधान में 288 साल से चली आ रही पंरपरा के बारे में लिखा गया है कि गद्दीनशीन सिर्फ हनुमान जी की सेवा करें. गद्दीनशीन का पद संभालने के बाद महंत हनुमानगढ़ी परिसर से बाहर नहीं जा सकते हैं. उन्हें हनुमान जी की सेवा करने के लिए हनुमानगढ़ी मंदिर परिसर में ही रहना है. मृत्यु के बाद ही शरीर को परिसर से बाहर ले जाया जाता था.

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