Lalu Yadav on Caste Census: केंद्र की मोदी सरकार ने फैसला लिया है कि वह देश में जाति जनगणना कराएगी. कल बुधवार (30 अप्रैल) को हुई कैबिनेट की बैठक के बाद केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने इसके बारे में जानकारी दी. उन्होंने कहा कि, 1947 के बाद से जाति जनगणना नहीं हुई है. कांग्रेस ने जाति जनगणना की जगह जाति सर्वे कराया. कैबिनेट के फैसले पर बिहार में नेताओं के बीच क्रेडिट लेने की होड़ मची है.

आखिरकार उन्हें झुकना पड़ा- लालू

केंद्र सरकार के इस फैसल पर राजद सुप्रीमो लालू यादव की भी प्रतिक्रिया सामने आई है. लालू ने एक्स पर पोस्ट करते हुए लिखा कि, हम क्या बोले थे? 1990 में मंडल कमीशन लागू करवाने के बाद, हमने सारा ध्यान जाति जनगणना पर लगाया, बिना डरे झुके संघियों की आंख में आंख डाल ललकारा, बारंबार केंद्र सरकार नकारती रही, लेकिन आखिरकार उन्हें झुकना पड़ा.

लालू ने अपनी पोस्ट में आगे लिखा कि, हम समझौतावादी नहीं बल्कि कट्टर समाजवादी है, जो कहते है उसे पूरा करते और कराते है. साथ ही उन्होंने अपनी पोस्ट में अपने दो पुराने ट्वीट को भी शेयर किया है.

राजद सुप्रीमों ने शेयर किया पुराना पोस्ट

राजद सुप्रीमो द्वारा शेयर किया गया एक पोस्ट 3 सितंबर 2024 का है, जिसमें उन्होंने लिखा है कि, इन RSS/BJP वालों का कान पकड़, दंड बैठक करा इनसे जातिगत जनगणना कराएंगे. इनका क्या औक़ात है जो ये जातिगत जनगणना नहीं करायेंगे? इनको इतना मजबूर करेंगे कि इन्हें जातिगत जनगणना करना ही पड़ेगा. दलित, पिछड़ा, आदिवासी और गरीब का एकता दिखाने का समय अब आ चुका है.

वहीं, अन्य पोस्ट जो 29 सिंतबर 2015 का है, उसमें उन्होंने लिखा है कि, मोदी UN जाकर मेरे खिलाफ petition दें, लेकिन मैं गरीबों की लड़ाई लड़ते-लड़ते, आरक्षण बढ़वा कर, जातीय जनगणना के आंकड़े प्रकाशित करवाकर ही दम लूंगा.

बिहार में क्रेडिट लेने की मची होड़

गौरतलब है कि बिहार में इस साल विधानसभा का चुनाव होना है. चुनाव से पहले मोदी सरकार द्वारा जातीय जनगणना कराने के फैसले को बीजेपी का मास्टर स्ट्रोक कहा जा रहा है. वहीं, विपक्षी नेता भी इसका क्रेडिट लेने की होड़ में लगे हुए हैं और अपनी जीत बताते हुए नहीं थक रहे हैं.

जदयू ने नीतीश कुमार को दिया श्रेय

बिहार में बीजेपी की साथी जदयू भी जातीय जनगणना के फैसले को नीतीश कुमार की जीत बता रही है. जेडीयू मंत्री विजय चौधरी ने कहा कि, नीतीश कुमार पहले व्यक्ति हैं, जिन्होंने इस मांग को बिहार से उठाया था. इंडिया ब्लॉक में कांग्रेस और ममता बनर्जी ने इसका विरोध किया था. इंडिया ब्लॉक में नीतीश कुमार ने इसे मुद्दा बनाने की बात कही थी. अब जबकि देश में जातीय जनगणना होने का ऐलान हुआ है उसका श्रेय नीतीश कुमार को जाता है.

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