Giriraj Singh on Caste Census: केंद्र की मोदी सरकार ने फैसला लिया है कि वह देश में जाति जनगणना कराएगी. कल बुधवार (30 अप्रैल) को हुई कैबिनेट की बैठक के बाद केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने इसके बारे में जानकारी दी. उन्होंने कहा कि, 1947 के बाद से जाति जनगणना नहीं हुई है. कांग्रेस ने जाति जनगणना की जगह जाति सर्वे कराया. कैबिनेट के फैसले पर बिहार में नेताओं के बीच क्रेडिट लेने की होड़ मची है. इस बीच बीजेपी नेता गिरिराज सिंह की भी प्रतिक्रिया सामने आई है.

‘पीएम ने समाजिक समरस को जमीन पर उतारने का काम किया’

आज गुरुवार (1 मई) को न्यूज एजेंसी ANI से बात करते हुए कहा कि, प्रधानमंत्री मोदी का सबका साथ-सबका विकास, सामाजिक समरसता का जो सिद्धांत है, उसे उन्होंने जमीन पर उतारने का काम किया. पीएम मोदी ने अपने 10 साल के कार्यकाल में सामाजिक समरसता के लिए कई बड़े फैसले लिए हैं.

गिरिराज सिंह ने आगे कहा कि, कांग्रेस ने अपने कार्यकाल में गरीबों के प्रति जो पाप किया था, पीएम मोदी ने जातीय जनगणना को स्वीकृति देकर उस पाप को धोने का काम किया है. बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पहले से ही इसके (राष्ट्रीय जनगणना में जाति आधारित जनगणना को शामिल किए जाने पर) पोषक थे. लेकिन जनगणना करवाने का अधिकार केवल केंद्र के पास है. इसलिए पीएम मोदी ने यह निर्णय लेकर नीतीश कुमार की मांग को भी सही ठहराया.

विपक्षी नेता बता रहे अपनी जीत

बता दें कि बिहार में इस साल विधानसभा का चुनाव होना है. चुनाव से पहले मोदी सरकार द्वारा जातीय जनगणना कराने के फैसले को बीजेपी का मास्टर स्ट्रोक कहा जा रहा है. वहीं, नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव, पशुपति पारस और मुकेश सहनी समेत तमाम विपक्षी नेता भी इसका क्रेडिट लेने की होड़ में लगे हुए हैं और अपनी जीत बताते हुए नहीं थक रहे हैं.

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