बोधगया। केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी ने राष्ट्रीय जनगणना में जाति जनगणना को शामिल करने पर कहा, “जाति जनगणना कराने के लिए विभिन्न दलों के बीच लंबे समय से चर्चा चल रही थी।
बहुत ही सराहनीय
एक साल पहले हमने बिहार में नीतीश कुमार के नेतृत्व में एक सर्वदलीय बैठक की और प्रधानमंत्री मोदी से मुलाकात की। उस समय उन्होंने कहा था कि हम इस पर विचार कर रहे हैं लेकिन राज्य चाहे तो इसे करा सकता है, फिर नीतीश कुमार और कुछ राज्यों ने जाति आधारित गणना कराई… अब भारत सरकार ने जाति जनगणना कराने का फैसला किया है, जो बहुत ही सराहनीय है।
हर वर्ग के लोगों को उचित प्रतिनिधित्व मिलेगा.
इससे हर वर्ग के लोगों को उचित प्रतिनिधित्व मिलेगा… जो लोग आज कहते हैं कि 30 साल से हमारी यही मांग थी, तो 30 साल पहले किसका शासन था? 2014 से पहले किसका शासन था?… अगर वे चाहते तो क्या जाति जनगणना नहीं करा सकते थे? वे कुछ नहीं करते, सिर्फ चिल्लाते हैं…”
जांच के आधार पर जनगणना कराई थी
पटना में RJD नेता तेजस्वी यादव ने राष्ट्रीय जनगणना में जाति जनगणना को शामिल करने के फैसले पर कहा, “लालू यादव लगातार संघर्ष करते रहे। वे हमेशा इस बात को उठाते रहे हैं। जब हमारी महागठबंधन की सरकार बनी थी, तो उन्होंने यहां जांच के आधार पर जनगणना कराई थी। इतने दिनों तक विरोध कौन कर रहा था? हमने शुरुआत से ही इसके लिए लड़ाई लड़ी है।
राहुल गांधी के पोस्टर लगाए गए
सरकार के जाति जनगणना कराने का फैसले के बाद विपक्ष के बीच क्रेडिट वॉर शुरू हो गई है। अब राजनीतिक पार्टियों में श्रेय लेने की होड़ मची हुई है। कांग्रेस कार्यालय के बाहर राहुल गांधी के पोस्टर लगाए गए हैं। वहीं, राजद ने पटना में पोस्टर लगाकर RJD प्रमुख लालू यादव और पार्टी नेता तेजस्वी यादव को बधाई दी है।