अमृतसर. पंजाब के पटियाला जिले में शंभू पुलिस स्टेशन की प्रस्तावित घेराबंदी से पहले पुलिस ने किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल और अन्य नेताओं को उनके घरों में नजरबंद कर दिया। सोमवार तड़के 4 बजे पुलिस अधिकारी डल्लेवाल के फरीदकोट स्थित घर पहुंचे। डल्लेवाल ने सोशल मीडिया पर लाइव होकर इसकी जानकारी दी।
डल्लेवाल ने कहा कि उनके आंदोलन के दौरान डीजीपी ने भरोसा दिया था कि किसानों के माल और नुकसान की भरपाई की जाएगी, लेकिन अब सरकार अपने वादे से मुकर रही है। उन्होंने घोषणा की थी कि इस मुद्दे पर 6 मई को शंभू सीमा पर थाने की घेराबंदी की जाएगी। साथ ही, थाना प्रभारी के व्यवहार के खिलाफ कार्रवाई की मांग भी उठाई गई थी।
किसान नेता ने कहा, “सरकार को हमें फोन कर पूछना चाहिए था कि हम विरोध क्यों कर रहे हैं। हमारी मांगें स्पष्ट हैं। प्रदर्शन न करने देना कैसे उचित है? हम चाहते हैं कि आंदोलन के दौरान किसानों के साथ दुर्व्यवहार करने वाले अधिकारियों पर कार्रवाई हो और डीजीपी के वादे के अनुसार नुकसान की भरपाई की जाए।”
फतेहगढ़ साहिब में खत्म की थी भूख हड़ताल
13 फरवरी 2024 को किसानों ने न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) और अन्य मांगों को लेकर शंभू और खनौरी सीमा पर धरना शुरू किया था। 26 नवंबर को डल्लेवाल ने खनौरी सीमा पर भूख हड़ताल शुरू की। 19 मार्च 2025 को किसान नेता केंद्रीय नेताओं से मिलने चंडीगढ़ गए। वापसी के दौरान पंजाब पुलिस ने उन्हें हिरासत में ले लिया। इसके बाद पुलिस ने शंभू और खनौरी सीमा से किसानों को हटा दिया और अगले दिन वहां आवाजाही बहाल कर दी।
पुलिस ने डल्लेवाल को अस्पताल में भर्ती करवाया, जहां से उन्हें 3 अप्रैल को छुट्टी मिली। 6 अप्रैल को फतेहगढ़ साहिब में एक पंचायत में डल्लेवाल ने अपना उपवास खत्म करने की घोषणा की.
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