रायपुर. तेंदूपत्ता बोनस घोटाले मामले में EOW-ACB की बड़ी लापरवाही सामने आई है. निलंबित डीएफओ अशोक पटेल को गिरफ्तार कर दंतेवाड़ा के विशेष कोर्ट में पेश करना था, लेकिन EOW ने उसे रायपुर कोर्ट में पेश कर दो बार रिमांड पर ले लिया. इस पर रायपुर के विशेष कोर्ट ने EOW-ACB को कड़ी फटकार लगाई है. इसके बाद डीएफओ को दंतेवाडा विशेष कोर्ट में पेश कर अशोक पटेल को 9 मई तक न्यायिक हिरासत में जेल भेजा गया.

जानिए क्या है तेंदूपत्ता बोनस घोटाला

आरोप है कि वर्ष 2021-22 में वन विभाग ने तेंदूपत्ता बोनस वितरण के दौरान लगभग 7 करोड़ रुपये की आर्थिक अनियमितता की. यह राशि तेंदूपत्ता संग्राहकों को अप्रैल-मई 2022 में वितरित की जानी थी, लेकिन राशि के आहरण के बावजूद आदिवासी संग्राहकों को भुगतान नहीं किया गया. जब इस मामले की जानकारी पूर्व विधायक मनीष कुंजाम को हुई तो उन्होंने जनवरी 2025 में कलेक्टर सुकमा और सीसीएफ को पत्र लिखकर मामले की जांच की मांग की.

शिकायत के बाद कलेक्टर और वन विभाग ने अलग-अलग जांच समितियां गठित की. नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में तेंदूपत्ता संग्राहकों के बयान दर्ज किए गए, जिनमें तत्कालीन डीएफओ सुकमा अशोक पटेल की भूमिका सामने आई. प्रारंभिक जांच में दोषी पाए जाने पर उन्हें तत्काल निलंबित कर दिया गया. इस मामले में भ्रष्टाचार निवारण ब्यूरो (EOW/ACB) ने अशोक कुमार पटेल और अन्य लोगों के खिलाफ आपराधिक साजिश और धोखाधड़ी की धाराओं में केस दर्ज किया. 8 अप्रैल 2025 को एफआईआर दर्ज होने के बाद 10 अप्रैल को छापेमार कार्रवाई की गई.

पिछले दिनों छापेमारी में ACB-EOW को कई महत्वपूर्ण दस्तावेज, मोबाइल फोन, इलेक्ट्रॉनिक उपकरण, बैंक खातों की जानकारी और निवेश से जुड़े दस्तावेज बरामद हुए. चौंकाने वाली बात यह रही कि डीएफओ ऑफिस के कर्मचारी राजशेखर पुराणिक के घर से 26 लाख 63 हजार 700 रुपए कैश मिले थे.