रायपुर। शालेय शिक्षक संघ के एक प्रतिनिधिमंडल ने आज मंत्रालय और संचालनालय में शिक्षा सचिव सिद्धार्थ कोमल परदेशी और नव नियुक्त DPI संचालक ऋतुराज रघुवंशी से मुलाकात की. प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व प्रांताध्यक्ष वीरेंद्र दुबे ने किया. मुलाकात का उद्देश्य प्रदेश में चल रहे युक्तियुक्तकरण प्रक्रिया और रायपुर संभाग की लंबित पदोन्नति के मुद्दों पर चर्चा करना था.

युक्तियुक्तकरण में विसंगतियों पर जताई आपत्ति

संगठन ने युक्तियुक्तकरण से संबंधित वर्तमान दिशा-निर्देशों और मापदंडों में पाई जा रही विसंगतियों और व्यावहारिक समस्याओं को अधिकारियों के समक्ष रखा. संगठन ने सुझाव दिया कि शिक्षकविहीन और एकल शिक्षक विद्यालयों में प्राथमिकता से पदस्थापन हो, जबकि पुराने सेटअप के साथ छेड़छाड़ न की जाए, जिससे शिक्षा व्यवस्था और बच्चों के गुणवत्ता युक्त शिक्षाधिकार पर असर न पड़े.

पदोन्नति को प्राथमिकता देने की मांग

प्रांताध्यक्ष वीरेंद्र दुबे ने रायपुर संभाग की लंबित पदोन्नतियों का मुद्दा भी प्रमुखता से उठाया और अधिकारियों से आग्रह किया कि युक्तियुक्तकरण से पहले पदोन्नति प्रक्रिया पूर्ण की जाए. उनका कहना था कि यदि पदोन्नतियां पहले कर दी जाएं, तो कई स्थानों पर युक्तियुक्तकरण की आवश्यकता ही नहीं पड़ेगी. उन्होंने बताया कि अधिकारीगणों ने संगठन की बातों को गंभीरता से सुना और सकारात्मक प्रतिक्रिया दी, जिससे उम्मीद की जा रही है कि जल्द ही इन पर अमल होगा.

प्राथमिक शिक्षा पर विशेष जोर

प्रांतीय महासचिव धर्मेश शर्मा ने कहा कि मौजूदा मापदंडों से प्रदेश के कई स्कूलों में अव्यवस्था फैल रही है और इससे प्राथमिक शिक्षा प्रणाली प्रभावित हो रही है. उन्होंने चेताया कि 2008 के सेटअप से हटकर यदि शिक्षकों की संख्या कम की जाती है, तो इससे बच्चों के शिक्षा के अधिकार का उल्लंघन होगा.

मुख्यमंत्री को सौंपा गया ज्ञापन

शालेय शिक्षक संघ ने आज की मुलाकात के दौरान माननीय मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन और सुझाव पत्र भी सौंपा है, जिसमें युक्तियुक्तकरण प्रक्रिया को शिक्षकों और छात्रों दोनों के हित में सुधारने की मांग की गई है.

प्रतिनिधिमंडल में शामिल थे ये पदाधिकारी

प्रांतीय मीडिया प्रभारी जितेंद्र शर्मा ने बताया कि इस प्रतिनिधिमंडल में प्रांताध्यक्ष वीरेंद्र दुबे, प्रांतीय महासचिव धर्मेश शर्मा, कार्यकारी प्रांताध्यक्ष चंद्रशेखर तिवारी, प्रांतीय उपाध्यक्ष डॉ. सांत्वना ठाकुर समेत अन्य पदाधिकारी शामिल थे.