जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत की प्रतिक्रिया से पाकिस्तान में हड़कंप मच गया है, और वह हर संभव माध्यम से अपनी स्थिति को मजबूत करने की कोशिश कर रहा है. इसी क्रम में, पाकिस्तान ने सोमवार रात को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के सदस्यों के साथ एक बंद कमरे में बैठक का आयोजन किया, जिसमें भारत-पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव पर चर्चा की गई. इस बीच, संयुक्त राष्ट्र महासचिव ने पहलगाम हमले के संदर्भ में पाकिस्तान को अप्रत्यक्ष रूप से चेतावनी दी है.

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यूएन महासचिव का कड़ा बयान

यूएन महासचिव गुटेरेस ने बैठक से पहले पहलगाम में हुए आतंकी हमले की कड़ी निंदा की और कहा कि इसके दोषियों को सजा मिलनी चाहिए. उन्होंने देशों से संयम बरतने की अपील करते हुए स्पष्ट किया कि सैन्य कार्रवाई समस्या का समाधान नहीं है. गुटेरेस ने कहा कि वे ऐसे भयानक हमलों के प्रति लोगों की भावनाओं को समझते हैं और पीड़ित परिवारों के प्रति अपनी संवेदनाएं व्यक्त कीं. साथ ही, उन्होंने सैन्य संघर्ष से बचने की आवश्यकता पर जोर दिया, क्योंकि इससे स्थिति बेकाबू हो सकती है.

पाकिस्तान ने बताया कश्मीर को मुख्य मुद्दा

यह बैठक संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के सामान्य चैंबर के बजाय एक बंद कमरे में आयोजित की गई. सामान्य चैंबर में आमतौर पर चर्चा और अधिवेशन होते हैं. यह बैठक उस समय हुई जब संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने दो परमाणु संपन्न देशों के बीच बढ़ते तनाव पर चिंता व्यक्त की. पाकिस्तान, जो सुरक्षा परिषद के 10 अस्थायी सदस्यों में से एक है, ने हालात पर चर्चा के लिए इस बैठक का अनुरोध किया था. सुरक्षा परिषद के अध्यक्ष यूनान ने इसे आयोजित किया. यूएन में पाकिस्तान के स्थायी प्रतिनिधि आसिम इफ्तिखार ने भारत की एकतरफा कार्रवाइयों को क्षेत्रीय स्थिरता के लिए खतरा बताया और कहा कि कश्मीर दोनों देशों के बीच एक प्रमुख मुद्दा है, जो पिछले 70 वर्षों से अनसुलझा है.

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LeT को लेकर UNSC का सवाल

संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने पहलगाम हमले में लश्कर-ए-तैयबा की संलिप्तता पर सवाल उठाया. बैठक में इस आतंकवादी हमले की कड़ी निंदा की गई और जवाबदेही की आवश्यकता पर जोर दिया गया. कुछ सदस्यों ने विशेष रूप से धार्मिक विश्वास के आधार पर पर्यटकों को लक्षित करने के मुद्दे को भी उठाया.

पाकिस्तान की परमाणु बयानबाजी पर जताई चिंता

कई सदस्यों ने यह चिंता व्यक्त की कि पाकिस्तान के मिसाइल परीक्षण और परमाणु संबंधी बयानबाजी तनाव को बढ़ाने का कारण बन रहे हैं. इसके साथ ही, पाकिस्तान के अंतरराष्ट्रीय स्तर पर स्थिति को भुनाने के प्रयास भी सफल नहीं हो सके. इस संदर्भ में, पाकिस्तान को भारत के साथ द्विपक्षीय वार्ता के माध्यम से मुद्दों का समाधान करने की सलाह दी गई है.

क्या है झूठे झंडे की कहानी का मतलब?

झूठे झंडे का अर्थ है किसी घटना को जानबूझकर अंजाम देना और उसे किसी अन्य पर आरोपित करना. यह रणनीति अक्सर आतंकवाद से संबंधित मामलों में देखी जाती है, जहां एक समूह स्वयं आतंकवादी गतिविधि को अंजाम देकर उसे किसी दूसरे समूह या देश पर थोपने का प्रयास करता है. इस प्रकार की कार्रवाई से भ्रम और तनाव उत्पन्न होता है, जिससे वास्तविक अपराधियों को छिपाने में मदद मिलती है.

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मकसद में फेल हुआ पाकिस्तान

पाकिस्तान ने यूएनएससी की बैठक बुलाई थी, जिसका उद्देश्य भारत के साथ उसके चल रहे विवाद को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर उठाना था. हालांकि, इस बैठक में ऐसा कुछ भी नहीं हुआ. सभी सदस्य देशों ने पाकिस्तान को सलाह दी कि उन्हें भारत के साथ द्विपक्षीय वार्ता के माध्यम से अपने मुद्दों का समाधान करना चाहिए.

पहलगाम हमले में बेगुनाही का दावा

पाकिस्तान ने पहलगाम आतंकी हमले में अपनी संलिप्तता से एक बार फिर इनकार किया है. उसने खुद को निर्दोष बताते हुए कहा कि वह ऐसे हमलों की कड़ी निंदा करता है और इस मामले में पाकिस्तान का कोई संबंध नहीं है. इसके अलावा, पाकिस्तान ने इस हमले की पारदर्शी और स्वतंत्र जांच के लिए अपनी सहमति भी व्यक्त की है. वहीं, भारत के पूर्व स्थायी प्रतिनिधि सैयद अकबरुद्दीन ने स्पष्ट किया कि भारत पाकिस्तान की किसी भी नापाक योजना को संयुक्त राष्ट्र में सफल नहीं होने देगा.

सुरक्षा परिषद में कौन-कौन

सुरक्षा परिषद में अमेरिका, चीन, रूस, ब्रिटेन और फ्रांस स्थायी सदस्य के रूप में शामिल हैं. वर्तमान में, अस्थायी सदस्यों में अल्जीरिया, ग्रीस, डेनमार्क, गुयाना, पनामा, पाकिस्तान, दक्षिण कोरिया, सियरा लियोन, स्लोवेनिया और सोमालिया शामिल हैं.

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घबराए शरीफ ने ब्रिटेन से मदद मांगी

पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने इस्लामाबाद में ब्रिटिश उच्चायुक्त जेन मैरियट से मुलाकात की, जिसमें उन्होंने पहलगाम आतंकी हमले पर पाकिस्तान का दृष्टिकोण प्रस्तुत किया और स्वतंत्र एवं निष्पक्ष जांच की आवश्यकता पर जोर दिया. इससे पहले, शहबाज शरीफ ने चीन सहित कई अन्य देशों के प्रतिनिधियों से भी बातचीत की है, लेकिन अभी तक किसी भी देश ने उनके समर्थन में स्पष्ट रूप से कोई बयान नहीं दिया है.

पाकिस्तान से गोलीबारी जारी

पाकिस्तान की ओर से बिना किसी उकसावे के नियंत्रण रेखा पर गोलीबारी का सिलसिला जारी है. उसने एलओसी के पुंछ क्षेत्र में दिग्वार और कृष्णा घाटी सेक्टर में छोटे हथियारों से लगातार फायरिंग की है. भारतीय सेना ने इस पर सख्त प्रतिक्रिया दी है. पाकिस्तान ने युद्धविराम का उल्लंघन करते हुए सीमावर्ती इलाकों में कई बार गोलीबारी की, जिसमें पुंछ, राजौरी, मेंढर, नौशहरा, सुंदरबनी, अखनूर, कुपवाड़ा और बारामुला शामिल हैं. पिछले 12 दिनों में पाकिस्तान ने 49 बार संघर्षविराम का उल्लंघन किया है.

सात मई को सीमावर्ती राज्यों में मॉकड्रिल

केंद्रीय गृह मंत्रालय ने विभिन्न राज्यों को युद्ध जैसी परिस्थितियों में बचाव की तैयारियों का परीक्षण करने के लिए सिविल डिफेंस की मॉक ड्रिल आयोजित करने का निर्देश दिया है. इस मॉक ड्रिल में एयर वार्निंग सायरन सिस्टम का भी उपयोग किया जाएगा. इसका उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि दुश्मन देश के हवाई हमलों के दौरान यदि मिसाइल हमले को विफल नहीं किया जा सके, तो नुकसान को न्यूनतम कैसे किया जाए, महत्वपूर्ण स्थलों की सुरक्षा कैसे सुनिश्चित की जाए, और लोगों को हमले के क्षेत्र से सुरक्षित तरीके से निकाला जा सके.