नई दिल्ली। गृह मंत्रालय 7 मई को देश के 244 श्रेणीबद्ध जिलों में मॉक ड्रिल के साथ तैयारियों को बढ़ा रहा है, जिसमें हवाई हमले की चेतावनी देने वाले सायरन से लेकर निकासी की तैयारी और ब्लैकआउट उपायों तक सब कुछ परखा जाएगा. यह सब कुछ पहलगाम हमले में 26 हिन्दुओं के मारे जाने के बाद अब भारत की पाकिस्तान के खिलाफ ठोस कार्रवाई को लेकर बनाी जा रही रणनीति के तहत हो रहा है.

केंद्रीय गृह मंत्री ने सोमवार, 5 मई को मुख्य सचिवों को लिखे पत्र में कहा कि इस अभ्यास का उद्देश्य राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों (यूटी) में नागरिक सुरक्षा तंत्र की तत्परता का आकलन करना और उसे बढ़ाना है.

अग्निशमन सेवा, नागरिक सुरक्षा और गृह रक्षा महानिदेशालय की ओर से जारी पत्र में कहा गया है, “वर्तमान भू-राजनीतिक परिदृश्य में, नए और जटिल खतरे/चुनौतियाँ उभरी हैं, इसलिए, यह समझदारी होगी कि राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों में हर समय इष्टतम नागरिक सुरक्षा तैयारियाँ बनाए रखी जाएँ.”

पत्र में कहा गया है, “गृह मंत्रालय ने 7 मई, 2025 को देश के 244 वर्गीकृत नागरिक सुरक्षा जिलों में नागरिक सुरक्षा अभ्यास और रिहर्सल आयोजित करने का निर्णय लिया है.”

मॉक ड्रिल का उद्देश्य क्या हासिल करना है?

  • हवाई हमले की चेतावनी देने वाले सायरन का संचालन
  • भारतीय वायुसेना के साथ हॉटलाइन, रेडियो संचार लिंक का संचालन
  • शत्रुतापूर्ण हमले की स्थिति में खुद को बचाने के लिए नागरिक सुरक्षा पहलुओं पर नागरिकों, छात्रों आदि को प्रशिक्षण.
  • क्रैश ब्लैकआउट उपायों का प्रावधान
  • महत्वपूर्ण संयंत्रों/स्थापनाओं को समय से पहले छिपाने का प्रावधान
  • निकासी योजना और उसके पूर्वाभ्यास को अद्यतन करना
  • वार्डन, अग्निशमन, बचाव अभियान और डिपो प्रबंधन सहित नागरिक सुरक्षा सेवाओं की सक्रियता और प्रतिक्रिया की जाँच करना

पीएम मोदी से हुई रक्षा सचिव की मुलाकात

जम्मू और कश्मीर (J&K) में पहलगाम की बैसरन घाटी में 22 अप्रैल को हुए आतंकी हमले के बाद पाकिस्तान के साथ तनाव बढ़ गया है. पहलगाम आतंकी हमले में 26 लोग मारे गए, जिनमें ज़्यादातर पर्यटक थे.

भारत में वर्गीकृत जिलों में मॉक ड्रिल आयोजित करने का आदेश प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा पहलगाम आतंकी हमले के प्रतिशोध पर चर्चा करने के लिए उच्च स्तरीय बैठकों के बाद आया.

सोमवार को रक्षा सचिव राजेश कुमार सिंह ने पीएम मोदी से मुलाकात की और पहलगाम आतंकी हमले के बाद की घटनाओं के बीच भारत की तैयारियों के बारे में उन्हें जानकारी दी.