प्रमोद कुमार/ कैमूर। ठगों के द्वारा लगातार नए-नए तरीके से ठगी के मामले को अंजाम दिया जा रहा है और ठगी करने के लिए आम आदमी के अलावा अब अधिकारियों के नाम प्रोफाइल का भी इस्तेमाल बिना कोई खौफ के ठग कर रहे हैं, खुद कैमूर जिले के जिलाधिकारी सावन कुमार का नाम और फोटो का इस्तेमाल कर कई तरह के कार्य करने के लिए कई जगह कॉल करने एवं मैसेज कर करने का सनसनीखेज मामला सामने आया है।
हड़कंप मच गया
जिला प्रशासन के द्वारा संबंधित ठग अपराधी शरारती तत्वों पर जांच कर कानूनी कार्रवाई करने के लिए साइबर थाना को दे दिया है, मामला काफी गंभीर है क्योंकि एक मोबाइल नंबर से खुद जिलाधिकारी का नाम और फोटो का इस्तेमाल किया गया है, मोबाइल नंबर को ट्रूकॉलर ऐप पर आईएएस सावन कुमार का नाम अंकित कर तथा उनका फोटो लगाकर फोन कॉल करने का मामला आने पर प्रशासनिक महत्व में हड़कंप मच गया।
सतर्क रहने की सूचना दी
वहीं सूचना के बाद जिला प्रशासन कैमूर के ऑफिसियल पेज पर भी लोगों को सतर्क रहने की सूचना दी गई है जिसमें बताया गया कि जिला प्रशासन कैमूर के संज्ञान में यह मामला आया है कि कुछ असामाजिक तत्वों द्वारा जिला पदाधिकारी कैमूर की तस्वीर का दुरुपयोग करते हुए, मोबाइल नंबर 7549618633 के माध्यम से जिले के कई सम्मानित नागरिकों को कॉल व व्हाट्सएप संदेश भेजे जा रहे हैं।
कॉल या संदेश पर विश्वास न करें
इस संबंध में जिला प्रशासन स्पष्ट करता है कि यह एक साइबर फ्रॉड है। कृपया ऐसे किसी भी कॉल या संदेश पर विश्वास न करें, किसी भी प्रकार की निजी जानकारी साझा न करें और सतर्क रहें। जिला प्रशासन द्वारा इस मामले को गंभीरता से लेते हुए, संबंधित साइबर अपराधियों के विरुद्ध भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता के सुसंगत प्रावधानों के तहत कानूनी कार्रवाई प्रारंभ की जा चुकी है। आप सभी से अनुरोध है कि इस तरह के किसी भी संदेहास्पद गतिविधि की सूचना तत्काल संबंधित थाने या साइबर सेल को दें।
डीपीआरओ ने कही ये बात
प्रभारी डीपीआरओ डॉ संजीव कुमार सज्जन के द्वारा इस संबंध में बताया गया कि एक मोबाइल नंबर पर जिलाधिकारी का फोटो और उनके नाम का इस्तेमाल कर कई स्कूलों एवं अन्य जगह कोई कार्य कराने के लिए फोन करने का मामला संज्ञान में आते ही इसकी सूचना सभी सोशल मीडिया पर देते हुए जाँच के लिए दे दिया गया है, वहीं अभी किसी से फ्रॉड होने की सूचना नही है।
बदला गया नाम और फ़ोटो
जब मोबाइल को ट्रू कॉलर ऐप पर जांच किया गया तो जानकारी बदला गया पाया, उक्त मोबाइल नंबर पर उत्कर्ष पांडेय का नाम और फ़ोटो चेंज पाया। अब मामला पूर्णतः पुलिस अधीक्षक और साईबर पुलिस के पास है देखना है कि पुलिस क्या कार्रवाई करती है। क्योंकि जिलाधिकारी के नाम का इस्तेमाल करना बड़ा गंभीर मामला है, ऐसे में कई तरह की सरकारी और गोपनीय मामलों में गड़बड़ कराई जा सकती है।
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