राकेश चतुर्वेदी, भोपाल। मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में 54 साल पहले लगे पुराने सायरन सिस्टम को बदला जाएगा। हाल ही में हुए मॉक ड्रिल के दौरान कई जगहों पर इसकी आवाज नहीं पहुंची थी। जिसके बाद प्रशासन ने यह फैसला लिया था। युद्ध या आपात की स्थिति में बजने वाले इस सिस्टम का पूरा कंट्रोल प्रशासन के पास होगा।

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पाक युद्ध के समय लगा था सायरन सिस्टम

दरअसल, साल 1971 में हुए पाक युद्ध के समय भोपाल में सायरन सिस्टम लगाया गया था। हाल ही में राजधानी भोपाल में मॉक ड्रिल की गई थी जिसके अंतर्गत एयर सायरन बजाया जाना था। जब सायरन बजाया गया तो इसकी आवाज सभी जगह नहीं पहुंची थी। अब इसे बदलने की तैयारी में प्रशासन जुट गया है।

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शहर के मेन जगहों और बाजारों में लगेगा नया सिस्टम

यह नया सिस्टम शहर के प्रमुख स्थानों और बाजारों में लगाया जाएगा। इस सिस्टम को कंट्रोल एंड कमांड सेंटर से जोड़ा जाएगा। इससे एक सेकंड में ही लोगों को इमरजेंसी की सूचना मिल जाएगी। स्कूल और कॉलेज में स्टूडेंट्स को सायरन का मतलब और इसके व्यवहार की जानकारी भी दी जाएगी। मॉक ड्रिल के दौरान कई जगहों की लाइट भी बंद नहीं हुई थी। इस बारे में भी लोगों को सचेत किया जाएगा।

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