Pradosh Vrat: आज शुक्रवार को शुक्र प्रदोष व्रत मनाया जा रहा है. यह व्रत भगवान शिव को समर्पित होता है और हर त्रयोदशी तिथि की संध्या को मनाया जाता है. इस दिन भक्त उपवास रखकर प्रदोष काल में शिवलिंग का अभिषेक और पूजन करते हैं. मान्यता है कि प्रदोष व्रत रखने से भगवान शिव शीघ्र प्रसन्न होते हैं और भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूर्ण करते हैं.

Also Read This: रोज़ सुबह सूर्य देव को दें अर्घ्य, खुद महसूस करें सकारात्मक बदलाव…

प्रदोष काल का समय (Pradosh Vrat)

त्रयोदशी तिथि 9 मई को दोपहर 2:56 बजे शुरू होकर 10 मई को शाम 5:30 बजे तक रहेगी. पूजा का सबसे उत्तम समय प्रदोष काल है, जो आज शाम 6:54 बजे से रात 9:05 बजे तक रहेगा. व्रत की विधि के अनुसार, श्रद्धालु दिन भर उपवास रखते हैं और शिवलिंग पर जल, दूध, दही, घी, शहद और गंगाजल से अभिषेक करते हैं. बेलपत्र, धूप, दीप और पुष्प अर्पित कर “ॐ नमः शिवाय” मंत्र का जाप किया जाता है. शाम के समय व्रत कथा पढ़ी जाती है और शिव आरती के साथ पूजा संपन्न होती है.

भगवान शिव को प्रदोष व्रत क्यों है प्रिय? (Pradosh Vrat)

शिवजी को यह व्रत इसलिए अत्यंत प्रिय है क्योंकि समुद्र मंथन के समय जब हलाहल विष निकला था, तब भगवान शिव ने उसे प्रदोष काल में ग्रहण कर संसार की रक्षा की थी. इसी कारण यह समय शिव-पूजन के लिए सबसे श्रेष्ठ माना गया है. इस विशेष व्रत के प्रभाव से जीवन में सुख, समृद्धि, रोगों से मुक्ति और अंत में मोक्ष की प्राप्ति होती है.

Also Read This: बुधवार को इस मंत्र के साथ गाय को खिलाएं पालक, दूर होंगे आर्थिक और शारीरिक कष्ट…