दिल्ली. देश के पूर्वोत्तर इलाके के राज्य मेघालय में भी लोकसभा चुनाव की रणभेरी बजने के बाद सियासी सरगर्मियां चरम पर हैं. मेघालय में लोकसभा की दो सीटें हैं-शिलांग और तुरा.

सुदूर पर्वतीय राज्य मेघालय की तुरा संसदीय सीट पर इस लोकसभा चुनाव में ‘संगमा’ टाइटिल वाले दो नेताओं की भिड़ंत होगी. इस सीट पर कांग्रेस की तरफ से जहां राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. मुकुल संगमा चुनाव लड़ रहे हैं, वहीं नेशनल पीपुल्स पार्टी की तरफ से शुक्रवार को पूर्व केंद्रीय मंत्री अगाथा संगमा ने नामांकन पर्चा दाखिल किया. मेघालय की दोनों संसदीय सीटों पर आगामी 11 अप्रैल को लोकसभा चुनाव के लिए वोट डाले जाएंगे.

अगाथा संगमा, राज्य के वर्तमान मुख्यमंत्री कोनराड संगमा की बहन हैं और लोकसभा के पूर्व अध्यक्ष पीए संगमा की बेटी. चुनावी राजनीति में वे पूरे 10 साल के बाद अपनी वापसी करना चाह रही हैं. मेघालय की दूसरी संसदीय सीट-शिलांग से कांग्रेस के निवर्तमान सांसद विंसेंट एच पाला चुनावी मैदान में हैं. अगाथा संगमा, इससे पहले दो बार लोकसभा की सांसद रह चुकी हैं.

38 वर्षीय अगाथा यूपीए-2 के शासनकाल में केंद्र सरकार में मंत्री भी रह चुकी हैं. उनके पिता पीए संगमा, कांग्रेस पार्टी में या एनपीपी के अस्तित्व में आने के बाद इसी संसदीय सीट से चुनाव लड़ते और जीतते रहे. उनके बाद अगाथा संसदीय राजनीति में आईं. वहीं उनके भाई कोनराड संगमा ने राज्य की राजनीति में अपना ध्यान केंद्रित किया. कोनराड भी तुरा संसदीय सीट से ही सांसद बने थे, लेकिन राज्य में हुए विधानसभा चुनाव में जीत के बाद उन्होंने इस सीट से इस्तीफा दे दिया. इसके बाद से यह सीट खाली थी.

तुरा संसदीय सीट पर इस बार अगाथा संगमा का जिस प्रत्याशी से मुकाबला होना है, वह डॉ. मुकुल संगमा हैं. मुकुल राज्य के मुख्यमंत्री रह चुके हैं, साथ ही मजबूत कैंडिडेट माने जाते हैं. लेकिन अगाथा संगमा के साथ इस चुनाव में कई फैक्टर हैं, जो उनका साथ देंगे. पहला फैक्टर तो यह है कि उनकी पार्टी अभी राज्य में सत्ता में है और उन्हें केंद्र में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी का समर्थन प्राप्त है. हालांकि भाजपा भी यहां से चुनाव लड़ने वाली है. फिर भी अगाथा को उम्मीद है कि मुख्यमंत्री के रूप में कुर्सी पर बैठे उनके भाई चुनाव में साथ देंगे और वह एक बार फिर से संसद तक पहुंचने में कामयाब हो सकेंगी.