ऑपरेशन सिंदूर के बाद से पाकिस्तान बौखलाया हुआ है और लगातार भारत की सेना तथा आम जनता पर हमले कर रहा है. इस स्थिति में पूरा देश अपने सैनिकों और नागरिकों की सुरक्षा की कामना कर रहा है. इसी बीच, आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद राघव चड्ढा (Raghav Chaddha) ने पाकिस्तान को चेतावनी दी है कि अब भी समय है सुधरने का, अन्यथा काशी से इस्लामाबाद तक गंगा बहेगी और रावलपिंडी में भारत का तिरंगा लहराएगा.

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राघव चड्ढा ने एक वीडियो में कहा कि दोस्त बदले जा सकते हैं, लेकिन पड़ोसी नहीं. जब पड़ोसी पाकिस्तान जैसा हो, तो उसे सुधारने के लिए कठोर कदम उठाना हमारी जिम्मेदारी है. आज भारत केवल पाकिस्तान के खिलाफ नहीं, बल्कि क्रूरता, बर्बरता और आतंकवादी मानसिकता के खिलाफ भी एक महत्वपूर्ण लड़ाई लड़ रहा है.

‘जिन परिवारों ने देश के लिए अपने बेटे-बेटी दिए, उनकी चट्टान बनना है’

राघव चड्ढा ने भारतीय सेना की वीरता की सराहना करते हुए कहा कि हमारी सेना जिस साहस और शौर्य के साथ आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई लड़ रही है, उससे यह स्पष्ट है कि इस बार आतंकवाद का अंत होगा. हमें अपने सैनिकों की सुरक्षा के लिए प्रार्थना करनी चाहिए और उनके परिवारों के साथ खड़े होकर उनका हौसला बढ़ाना चाहिए. कर्नल सोफिया कुरैशी और विंग कमांडर व्योमिका सिंह जैसी बेटियों के परिवारों का समर्थन करना आवश्यक है, जो तिरंगे की शान को बढ़ा रही हैं, और उन परिवारों के साथ मजबूती से खड़ा होना चाहिए, जिनके बेटे सीमा पर दुश्मनों का सामना कर रहे हैं.

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‘पहले छेड़ते नहीं, बाद में छोड़ते नहीं’

सांसद ने कहा कि हमारा सिद्धांत स्पष्ट है – न हम पहले किसी को छेड़ते हैं और न ही बाद में छोड़ते हैं. 22 अप्रैल को पहलगाम में पाकिस्तानी आतंकवादियों द्वारा हमारे निहत्थे नागरिकों की हत्या एक कायरता और क्रूरता का उदाहरण है, जो मानवता के इतिहास पर एक कलंक के रूप में दर्ज है. हमने अपनी बहनों का बदला ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के माध्यम से लिया, लेकिन पाकिस्तान अपनी गलती स्वीकार करने के बजाय भारत को धमकी देने लगा.

‘बुद्ध के साथ भीम की भी धरती है भारत’

राघव चड्ढा ने कहा कि पाकिस्तान ने अपनी गलतियों को स्वीकार करने के बजाय, सीमा पर निर्दोष नागरिकों और बच्चों को निशाना बनाने का आपराधिक प्रयास किया है. उन्होंने यह भी याद दिलाया कि भारत केवल बुद्ध की भूमि नहीं, बल्कि अर्जुन और भीम जैसे महान योद्धाओं की भी है. महात्मा गांधी के वंशजों के साथ-साथ भगत सिंह और चंद्रशेखर आजाद जैसे वीरों का भी यह देश है.

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इसलिए, भारत की तीनों सेनाएं स्पष्ट रूप से यह संदेश दे रही हैं कि भारत पाकिस्तान से कहीं अधिक शक्तिशाली है. हमारी मिसाइलें और विमान पाकिस्तान के खिलाफ गरज रहे हैं, जबकि हमारा एयर डिफेंस सिस्टम उनकी मिसाइलों और ड्रोन को आसानी से नष्ट कर रहा है.

‘आतंकवादियों को दफनाने में जुटी है भारतीय सेना’

राघव चड्ढा ने कहा कि जिन आतंकवादियों ने माताओं के सामने उनके बच्चों को छीन लिया, जिन्होंने पुलवामा से लेकर उरी तक हमारे लोगों पर हमला किया, और जिन्होंने 2008 में मुंबई में निर्दोष नागरिकों की जान ली, वे सभी आतंकवादी हमारे लोकतंत्र पर भी हमला कर चुके हैं. 1993 में मुंबई में हुए सीरियल ब्लास्ट से लेकर 2001 में संसद पर किए गए घिनौने हमले तक, ये सभी घटनाएं आतंकवाद की नफरत को दर्शाती हैं. हमारी सेना इन आतंकवादियों और उनकी घृणित मानसिकता को समाप्त करने के लिए पूरी ताकत से जुटी हुई है.

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‘हमें देश की कमजोरी नहीं, ताकत बनना है’

राघव चड्ढा ने आम जनता से आग्रह किया कि हमें एकजुट रहना चाहिए. संकट के समय में हमें देश की कमजोरी नहीं, बल्कि उसकी ताकत बनना है. चाहे हम किसी भी धर्म, जाति या राजनीतिक विचारधारा से जुड़े हों, सबसे महत्वपूर्ण यह है कि हम सभी भारतीय हैं. यदि कोई हमारे देश और मातृभूमि के प्रति आक्रामकता दिखाएगा, तो उसका सामना हम सब मिलकर करेंगे.

‘पाकिस्तान की मेमोरी कमजोर है’

राघव चड्ढा ने पाकिस्तान की लगातार हारों का उल्लेख करते हुए कहा कि भारतीय सेना, नौसेना और वायुसेना पाकिस्तान को यह याद दिला रही हैं कि 1971 में हमने उसे कैसे पराजित किया था. उस समय 90 हजार पाकिस्तानी सैनिकों को घुटनों पर लाकर भारत ने नया बांग्लादेश स्थापित किया था. इसी तरह, 1984 में सियाचिन में भारतीय सैनिकों ने पाकिस्तान के सैनिकों को भागने पर मजबूर किया, और 1999 में कारगिल में हमारे देश ने पाकिस्तान के नापाक इरादों को ध्वस्त कर दिया. ऐसा लगता है कि पाकिस्तान की याददाश्त कमजोर है, इसलिए समय-समय पर उसे यह सब याद दिलाना आवश्यक है.

‘दुनिया भर के सामने भीख मांगता है पाकिस्तान’

हर भारतीय ने इस बार ठान लिया है कि उस देश का फन कुचलना है, जो 24 घंटे, 365 दिन पूरी दुनिया के सामने भीख मांगता है और अपने बच्चों का दूध आतंकियों को पिलाता है.