शिखिल ब्यौहार, भोपाल। मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र के बीच विश्व की सबसे बड़े ग्राउंड वॉटर रिचार्ज परियोजनाओं में शामिल ताप्ती बेसिन परियोजना को लेकर MoU हुआ। सीएम डॉ. मोहन और मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने हस्ताक्षर किए। मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के भोपाल आगमन पर एयरपोर्ट पर प्रदेश भाजपा अध्यक्ष वीडी शर्मा ने स्वागत किया, वहीं मुख्यमंत्री निवास पर डॉ. मोहन यादव ने औपचारिक रूप से अगवानी की।
अर्थव्यवस्था को बढ़ाने वाला है प्रोजेक्ट
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि बहुत महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट है। हमने इस पर हस्ताक्षर किए हैं। 25 साल बाद इंटर स्टेट मीटिंग हुई है। 2016 में मोदी सरकार आने के बाद इंटर स्टेट पानी की समझौता को बल दिया गया। यह प्रोजेक्ट दुनिया का अजूबा है। 1, 31, 000 हेक्टेयर और 2 लाख हेक्टेयर से ज्यादा की जमीन है। महाराष्ट्र को सिंचाई के लिए फायदा होगी। साथ ही खारे पानी की समस्या भी हल होगी। किसानों का जीवन भी बदलेगा। यह पूरी अर्थव्यवस्था को बढ़ाने वाला प्रोजेक्ट है।
CM फडनवीस बोले- MP से है पुराना नाता
देवेंद्र फड़नवीस ने आगे कहा कि केन बेतवा की तर्ज पर इस परियोजना को भी केंद्र सरकार की मदद मिले, इसके लिए हम दोनों मुख्यमंत्री केंद्र जायेंगे। यह दुनिया का अद्भुत और चकित करने वाला प्रोजेक्ट होगा। आज जाम घाट प्रोजेक्ट को लेकर भी बात हुई है। 27 साल पहले इस पर मंथन शुरू हुआ था। अब एक बार फिर इसे लेकर बातचीत की है। आगामी अक्टूबर में फिर से दोनों प्रदेशों के बीच बैठक होगी। किन-किन क्षेत्रों में एक दूसरे के लिए दोनों प्रदेश मदद कर सकते हैं। ऐसे कई प्रोजेक्टों पर विषयों पर विचार मंथन किया गया है। मेरा मध्य प्रदेश से पुराना रिश्ता है। मैं नागपुर से आता हूं और नागपुर मध्य प्रदेश की राजधानी रह चुकी है।
केंद्र सरकार देगी 90% राशि
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने इस MoU के लिए महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री का स्वागत किया। उन्होंने कहा कि आज का दिन महाराष्ट्र के साथ एक नए अध्याय की शुरुआत का दिन है। इस प्रोजेक्ट के लिए केंद्र सरकार 90% राशि देगी। मध्य प्रदेश नदियों का मायका है। 247 नदियां मध्य प्रदेश की सरजमीं पर है। जैसे माता नर्मदा हमारी मां है वैसे ही ताप्ती भी हमारी मां है। मध्य प्रदेश से अन्य किसी राज्य की अपेक्षा ज्यादा जल राशि जाती है। लगभग सभी राज्यों को मध्य प्रदेश की बड़ी नदियों का लाभ मिल रहा है।
सीएम डॉ. मोहन ने उमा भारती का किया धन्यवाद
सीएम ने आगे कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती को धन्यवाद देना चाहूंगा। उनके समय पर इस प्रोजेक्ट का आधार आया था। हमें इस बात की प्रसन्नता है कि लगातार प्रदेश की नदियों के प्रोजेक्ट चल रहे हैं। केन बेतवा कालीसिंध पार्वती, चंबल से लेकर मालवा निर्माण सभी जगह पानी की समस्या हल होगी। बाजीराव समेत कई शूरवीरों के प्रोजेक्ट पर भी मिलकर काम होगा जो मध्य प्रदेश की धरती से जुड़े हुए हैं। जबलपुर और महाराष्ट्र के बीच सड़क परियोजना पर भी काम करेंगे। मध्य प्रदेश की ज्योतिर्लिंगों को महाराष्ट्र के ज्योतिर्लिंगों से जोड़ा जाएगा। अहिल्याबाई को लेकर बड़े प्रोजेक्ट पर वर्किंग दोनों सरकारी मिलकर करेंगे। 22 तारीख को इंदौर के राजवाड़ा में कैबिनेट बैठक होगी। 31 तारीख को भोपाल में बड़ा कार्यक्रम होगा। अहिल्याबाई की जन्मस्थली महाराष्ट्र में भी महाराष्ट्र की सरकार बड़ा आयोजन करने जा रही है।
अतीत में नहीं करूंगा किसी की निंदा
सीएम डॉ. मोहन यादव ने कहा कि अतीत में किसी की निंदा नहीं करूंगा। 28 साल पहले दिग्विजय सिंह के समय काम नहीं हो पाया। पानी का हम और वो दोनों उपयोग नहीं कर सके। अब जलराशि का बंटवारा से दोनों राज्यों को फायदा होगा। थोड़ा पानी कम-थोड़ा ज्यादा, राज्य तो सभी हमारे हैं। समय सीमा के अंदर प्रोजेक्ट्स पूरे हो जाएंगे। केन बेतवा परियोजना के भूमिपूजन के दिन जयराम नरेश ने ट्वीट किया की यह बिगड़ जाएगा, वो बिगड़ जाएगा क्या हुआ? ऐसे को सद्बुद्धि दें। एक नदी में बाढ़ दूसरी सूखी थी, नहर से जोड़ना ही तो है। कई जिलों का प्राकृतिक भंडार सूख गया था वो वापस आ जायेगा।
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