कुंदन कुमार/ पटना। भारत और पाकिस्तान के बीच घोषित शांति समझौते पर विपक्ष ने मोदी सरकार को घेरना शुरू कर दिया है। पटना पहुंचे कांग्रेस नेता जिग्नेश मेवाणी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की चुप्पी और अमेरिका की भूमिका पर तीखा सवाल उठाते हुए कहा कि अगर इंदिरा गांधी आज होतीं, तो पाकिस्तान को सीधा जवाब मिलता, न कि ट्रम्प की मध्यस्थता में युद्धविराम होता।

ये किसकी जिम्मेदारी है

उन्होंने पटना में संवाददाताओं से बातचीत में कहा, प्रधानमंत्री मोदी ने खुद को 56 इंच का बताया था। तो फिर पुलवामा और पहलगाम जैसी घटनाओं के दौरान यह नेतृत्व कहां था? हमारे सैनिक मारे जा रहे हैं, ये किसकी जिम्मेदारी है?”

अमेरिका की भूमिका पर सवाल

वहीं कांग्रेस नेता जिग्नेश मेवाणी ने अमेरिका की मध्यस्थता को ‘शिमला समझौते का उल्लंघन’ बताते हुए पूछा “जब दो देश आपस में संघर्ष कर रहे हों, तो अमेरिका क्यों उंगली कर रहा है? भारत को गाइड करने वाला अमेरिका कौन होता है?

अडानी का जिक्र और मीडिया पर वार

जिग्नेश मेवाणी ने यह भी आरोप लगाया कि कहीं मोदी सरकार अमेरिका के दबाव में गौतम अडानी जैसे उद्योगपतियों के हितों को साधने की कोशिश तो नहीं कर रही। साथ ही उन्होंने सरकार से सवाल किया कि जो टीवी चैनल कराची और इस्लामाबाद पर भारत के हमले की झूठी खबरें चला रहे थे, क्या उन पर कोई कार्रवाई होगी?”

विशेष सत्र की मांग

कांग्रेस नेता ने मांग की कि सरकार इस पूरे मुद्दे पर विशेष संसद सत्र बुलाए,जिसमें विपक्ष को सवाल पूछने और जवाब पाने का अधिकार हो।