कुंदन कुमार /पटना। नीट की परीक्षा समाप्त होने के बाद अब मेडिकल की आगे पढ़ाई करने वाले छात्रों की चिंता है कि अगर उनके टीसी रैंक जिस अनुसार आएंगे उसे अनुसार उन्हें जल्द से जल्द मेडिकल कॉलेज उन्हें अच्छा मिल सके मगर छात्रों के लिए सबसे बड़ी परेशानी या हो जाती है जिन छात्रों को कम रैंक आते हैं उन्हें सरकारी कॉलेज अलॉट नहीं हो पता है जिस कारण से उन्हें प्राइवेट कॉलेज में नामांकन करना पड़ता है और इसके लिए मोटी फीस भी उन्हें भरनी होती है इन तमाम चीजों की समस्या को देखते हुए बच्चों को उचित मार्गदर्शन करने के लिए आज पटना में एमबीबीएस नेपाल और इंडिया एब्रॉड सेमिनार का आयोजन किया गया ।

दूसरे देश में मिल जाते है सस्ते कॉलेज

इस सेमिनार का मुख्य आयोजन का कारण है कि बच्चों को समय रहते हुए उचित मार्गदर्शन करते हुए यह जानकारी दी जाए ताकि उनको आने वाले समय में उनके बजट के अनुसार उन्हें कॉलेज भारत में अगर नहीं मिलती है तो दूसरे देश नेपाल और अन्य देश जहां पर मेडिकल की पढ़ाई भारत से सस्ते दरों में निजी मेडिकल कॉलेज में कराई जाती है उनके बारे में उन्हें जानकारी मिल सके CAC नेपाल काठमांडू के डॉक्टर ऋषिकेश शाह मैं पटना में सेमिनार के माध्यम से जानकारी देते हुए बताया भारत के छात्र जिनको कम रैंक आया है और सस्ते दर में वह मेडिकल की पढ़ाई करना चाहते हैं और उनका बजट 50 लाख के करीब है तो वह नेपाल मेडिकल कॉलेज को चुन सकते हैं नेपाल में विदेश के छात्रों के लिए 33% कॉलेज में विदेशी छात्रों के लिए आरक्षण की स्कीम हैं इसलिए जल्द से जल्द छात्र नेपाल मेडिकल कॉलेज में नामांकन दाखिल करने के लिए आवेदन कर सकते हैं भारत में मेडिकल के छात्रों को पढ़ाई करने के लिए 6 साल में तकरीबन एक से सवा करोड रुपए के करीब खर्च करने पड़ते हैं जबकि नेपाल में नेपाल मेडिकल कॉलेज मात्र 50 लाख में यह पढ़ाई छात्रों की पूरी करती है इस तरह से छात्रों को आर्थिक रूप से काफी सहायता पढ़ाई में मिल जाती है छात्रों को जल्द से जल्द नेपाल मेडिकल कॉलेज में नामांकन के लिए आवेदन करने की जरूरत है ताकि समय रहते हुए उनका नामांकन हो सके क्योंकि लाखों की संख्या में छात्रों ने इस बार नीट की परीक्षा दी है और रिजल्ट आने के बाद अगर उन्हें समय पर सही जानकारी नहीं मिली हुई हो तो वह उनके लिए मेडिकल कॉलेज चुनने के लिए समस्या का कारण बन सकता है।

यहां होती है कम कीमत पर मेडिकल की पढ़ाई

वहीं सृष्टि खेड़ाजो पिछले 13 साल से मेडिकल एजुकेशन को लेकर छात्रों को गाइडलाइन दे रही हैं उन्होंने आज पटना में इस सेमिनार में हिस्सा लिया उन्होंने बताया कि भारत में मेडिकल की पढ़ाई एक से सवा करोड रुपए प्राइवेट कॉलेज में खर्च करने पड़ते हैं भारत के छात्रों को कम खर्चे में जो 25 लाख तक में मेडिकल की पढ़ाई दूसरे देश रसिया, उज़्बेकिस्तान, कज़ाख़िस्तान जैसे देश कर रहे हैं और कम कीमत में मेडिकल की पढ़ाई छात्रों को या देश करने का काम कर रहे हैं।

अपने मेडिकल कॉलेज का चयन करें

समय रहते हुए छात्रों को इन देशों में संचालित मेडिकल कॉलेज के लिए जानकारी इकट्ठा करनी बेहद जोड़ी है क्योंकि रिजल्ट आने के बाद छात्रों की एक सबसे बड़ी जिम्मेदारी होती है कि जल्द से जल्द वह अपने मेडिकल कॉलेज का चयन करें और उसमें नामांकन करें लाखों की संख्या में नीट की परीक्षा में छात्र ने हिस्सा लिया है और रिजल्ट आने के बाद मेडिकल कॉलेज की सीट काफी कम होती है इसलिए समय रहते हुए उन छात्रों को मेडिकल कॉलेज की जानकारी होना बेहद जरूरी है भारत से कम खर्चे में मेडिकल की पढ़ाई पूरा करने वाले कई देश रसिया कजाकिस्तान उज़्बेकिस्तान जैसे देश है जहां पर छात्रों को कम पैसे में मेडिकल की पढ़ाई कराई जाती है ।

अभिभावकों को दी जानकारी

पटना में आयोजित एमबीबीएस नेपाल एवं इंडिया एब्रॉड सेमिनार के माध्यम से छात्र और छात्रों के अभिभावक को मेडिकल कॉलेज जो विदेशों में संचालित है उसके बारे में जानकारी दी गई ।