लखनऊ विकास प्राधिकरण (LDA) में भ्रष्टाचार की परतें फिर उधड़ने लगीं हैं. अब एक नया घोटाला सामने आया है, जिसमें करीब 21 हजार अहम फाइलें गायब हो गई हैं. फाइलें एक निजी कंपनी को डिजिटल सेवाओं के लिए दी गई थीं. डेटा सेव के बाद कंपनी ने फाइलें वापस नहीं लौटाईं. जिससे सैकड़ों लोगों का काम रुक गया है. आम जनता को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है.

लखनऊ विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष का कहना है कि गायब फाइलों की जांच जारी है, रिकॉर्ड मंगाया जा रहा है. इस बीच सवाल ये उठता है कि क्या ये लापरवाही है या सुनियोजित भ्रष्टाचार?

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जानकारी के मुताबिक गोमतीनगर के अलग-अलग खंडों में LDA के बाबुओं ने फर्जीवाड़ा करके 22 प्लॉटों की फर्जी तरीके से रजिस्ट्री कर दी थी. उसमें मुख्य रूप से विनम्र खंड में 4, वास्तुखंड में 5, विराजखंड में 4, विकल्पखंड में 6, विक्रांतखंड में 1 और विराटखंड में 2 प्लॉट शामिल हैं। मामले का खुलासा होने के बाद LDA के अधिकारियों ने जांच की तो मालूम चला कि 22 में से 6 प्लॉटों से जुड़ी फाइल भी गायब है.

लखनऊ विकास प्राधिकरण के दस्तावेजों से जो फाइलें गायब हुई हैं, उनमें ज्यादातर फाइलें पुरानी योजनाओं की हैं. जानकीपुरम, ट्रांसपोर्ट नगर, गोमती नगर विस्तार सहित दूसरी योजनाओं की फाइलें शामिल हैं.