विक्रम मिश्र, लखनऊ। उत्तर प्रदेश में करोड़ों का धान खरीद में बड़ा घोटाला सामने आया है। जिसकी जांच जिलों से लेकर मुख्यालय तक होने की तैयारी चल रही है। सहकारिता विभाग की अगर जांच हुई तो बहुत बड़े बड़े सफेदपोश नेता और नामचीन अधिकारियों के नाम सामने आ सकते है। उत्तर प्रदेश कोऑपरेटिव फेडरेशन लिमिटेड (PCF) के अंतर्गत बस्ती मंडल में हुए करोड़ों के धान खरीद घोटाले सामने आये है। जिसके बाद से अन्य जिलों में भी हुई धान खरीदी को लेकर नज़रे बना ली गई है। जिसके बाद से ही जांच का दायरा अब बढ़ाकर मुख्यालय तक कर दिया गया है। जिससे कि अब सिर्फ जिला स्तर पर ही नहीं, बल्कि पीसीएफ मुख्यालय के अधिकारी भी जांच की जद में आ चुके हैं।
जिला प्रबंधक अमित कुमार बर्खास्त
यह घोटाला 2023-24 में बस्ती मंडल के सिद्धार्थनगर, बस्ती और संतकबीरनगर में सामने आया है। जिसमें धान खरीदा ही नहीं गया, लेकिन प्रक्रिया पूरी दिखाकर लाखों का भुगतान दिखाया गया था। बिना भौतिक सत्यापन के किसानों के नाम पर भुगतान दर्शाया गया और ढुलाई, मजदूरी आदि के नाम पर भी फर्जी खर्च जोड़े गए। सिद्धार्थनगर के जिला प्रबंधक अमित कुमार चौधरी को सेवा से बर्खास्त कर दिया गया है। अब तक इस मामले में 6 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। कुल 10 अधिकारियों, कर्मचारियों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज की गई है। जांच कर रही एसआईटी और EOW को अब बड़े स्तर की गड़बड़ियां मिली हैं। 4200 किसानों के आधार कार्ड और मोबाइल नंबर का गलत उपयोग कर फर्जी भुगतान दर्शाया गया।
READ MORE : ‘अखिलेश संविधान की रक्षा की बात करते हैं और…’, सपा मुखिया पर भड़के लालजी प्रसाद निर्मल, कहा- इन्होंने हमेशा दलितों का अपमान किया
जांच में सामने आई गंभीर गड़बड़ियां
किसानों के हित को ध्यान में रखते हुए इन जिलों में 37 क्रय केंद्र बनाए गए थे। इन सभी 37 कार्य केंद्रों पर ही किसानों द्वारा धान की बिक्री के निर्देश भी दिए गए थे। लेकिन इन सभी केंद्रों पर एक ही मोबाइल नंबर और बैंक खाता दर्ज कर धान की खरीदी अधिकारियों/कर्मचारियों द्वारा दिखा दिया गया था। पांच लेखपाल, दो दर्जन कंप्यूटर ऑपरेटर, SDM और एडीएम स्तर के अधिकारी भी लापरवाही के घेरे में अब तक सामने आए है। ईओडब्ल्यू की जांच रिपोर्ट में सीएमओ, लेखपाल, डेटा एंट्री ऑपरेटर तक की भूमिका संदिग्ध पाई गई है। शासन स्तर पर निर्णय के बाद PCF मुख्यालय के अधिकारियों पर भी गाज गिर सकती है।
READ MORE : नेपाल सीमा से सटे जिलों में गरजा योगी का बुलडोजर, शासकीय भूमि पर बनाया था मदरसा, प्रशासन ने किया ध्वस्त
EOW को विस्तृत जांच के निर्देश
अपर मुख्य सचिव (सहकारिता) ने कहा कि “कार्रवाई किसी भी स्तर पर रुकने नहीं दी जाएगी।” जो जिम्मेदार होगा उसपर विधिक कार्रवाई शासन स्तर पर की जाएगी। आर्थिक अपराध अनुसंधान संगठन (EOW) को विस्तृत जांच के निर्देश दिए गए हैं। आपको बता दे कि, यह घोटाला सिर्फ धान खरीद की अनियमितता नहीं, बल्कि एक संगठित गबन और सिस्टम की बड़ी चूक का उदाहरण बनकर सामने आया है।
- छत्तीसगढ़ की खबरें पढ़ने यहां क्लिक करें
- उत्तर प्रदेश की खबरें पढ़ने यहां क्लिक करें
- लल्लूराम डॉट कॉम की खबरें English में पढ़ने यहां क्लिक करें