रायपुर- प्रदेश कांग्रेस कमेटी चिकित्सा प्रकोष्ठ के अध्यक्ष डॉ राकेश गुप्ता ने छत्तीसगढ़ दवा कार्पोरेशन में पिछले वर्ष अमानक दवाईयों की खरीदी में भारी भ्रष्टाचार के दस्तावेजी सबूत मुख्य सचिव, प्रमुख सचिव स्वास्थ्य सहित पुलिस अधिकारियों को सौंपे थे. लेकिन अभी तक भ्रष्टाचार पर कोई कानूनी कार्रवाई नहीं हुई है. बता दें कि डॉ रमन सिंह की सरकार में छत्तीसगढ़ दवा कॉर्पोर्शन का गठन 2010 में दवाओं की केंद्रीयकृत खरीदी और सरकारी अस्पतालों में उपकरण की गुणवत्ता बनाए रखने के लिए किया था. लेकिन पिछले दिनों से लगातार छत्तीसगढ़ दवा कॉर्पोरेशन भारी भ्रष्टाचार के कारण मीडिया की सुर्खियों में है.
पिछले दिनों डॉ राकेश गुप्ता और भिलाई निवासी केएन शर्मा ने मुख्य सचिव, प्रमुख सचिव स्वास्थ्य कमिश्नर स्वास्थ्य सेवाएं और संचालक स्वास्थ्य सेवाएं को दस्तावेजी सबूतों के साथ ज्ञापन सौंपा है, जिसकी कॉपी पुलिस के वरिष्ठ को भी दी गई है. इसके अलावा शासन के अन्य विभागों जैसे पशुपालन विभाग, आयुष विभाग, कर्मचारी राज्य बीमा निगम द्वारा भी दवा खरीदी में घोटाले किए गए है. इनकी शिकायत भी पूर्व में भी शासन के संबिधित अधिकारियों सहित तत्कालीन मख्यमंत्री डॉ रमन सिंह के की थी, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई.
डॉ राकेश गुप्ता और के एन शर्मा ने यह भी कहा कि इनमें से ज्यादातर दस्तावेज सरकारी रिकार्डों में ही मौजूद है. लेकिन कार्रवाई में इच्छा शक्ति नहीं दिखाई गई. और उसे जानबूझकर अनदेखा किया गया. ज्यादा बेहतर होगा कि पिछले वर्षों के छत्तीसगढ़ दवा कारर्पोरेशन के घोटाले को आर्थिक अपराध ब्यूरो और भ्रष्टाचार विरोधी सेल पूरी तरह से छानबीन करें और जनता के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ करने और भारी पैमाने पर भ्रष्टाचार करने वालों का पर्दाफाश किया जा सके. इसमें एक दो अधिकारी नहीं बल्कि एक पूरा ढांचा राजनीतिक संरक्षण में पल पढ़ रहा था. दवा खरीदी का भ्रष्टाचार कोई छोटा मोटा नहीं, बल्कि केवल वर्ष 2016-17 में ही यह लगभग चार सौ करोड़ रुपयों का खेल था. जो बदस्तूर जारी है.