Rohini Vrat 2025: रोहिणी व्रत जैन धर्म के अनुयायियों द्वारा मनाया जाने वाला एक पवित्र व्रत है, जिसे विशेष रूप से महिलाएं करती हैं. इस बार 27 मई 2025 को रोहिणी व्रत रखा जाएगा, क्योंकि इस दिन चंद्रमा रोहिणी नक्षत्र में रहेगा. यह दिन जैन धर्म के अनुयायियों के लिए विशेष महत्व रखता है. जब चंद्रमा रोहिणी नक्षत्र में आता है और शुक्रवार का दिन पड़ता है, तब यह व्रत विशेष फलदायी माना जाता है.
यह व्रत वर्ष में लगभग 12 से 13 बार आता है. इस व्रत की पृष्ठभूमि द्रविड़ देश की रानी लक्ष्मी के साथ जुड़ी हुई है, जिन्होंने इस व्रत को करके अपने राज्य में फैली अकाल, रोग और दरिद्रता से मुक्ति पाई थी. कहा जाता है कि भगवान महावीर के समय में इस व्रत का विशेष महत्व था. इसे करने से दीर्घायु, सौभाग्य और समृद्धि प्राप्त होती है, साथ ही यह व्रत रोग और क्लेशों से रक्षा करता है.
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व्रत करने का नियम (Rohini Vrat 2025)
इस व्रत को कम से कम पाँच वर्ष तक करने की परंपरा है, और व्रत की समाप्ति पर उद्यापन (उपसंहार) किया जाता है जिसमें धार्मिक दान और सामूहिक पूजन होते हैं. रोहिणी व्रत नारी शक्ति, श्रद्धा और आत्मशुद्धि का प्रतीक है जो भक्तों के जीवन में अध्यात्मिक उन्नति और मानसिक शांति प्रदान करता है.
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