”विनय न मानत जलधि जड़, गए तीनि दिन बीति। बोले राम सकोप तब, भय बिनु होइ न प्रीति” एयर मार्शल एके भारती जी ने आज सेना की संयुक्त प्रेस वार्ता में रामायण की चौपाई सुनाकर पाकिस्तान को करारा जवाब दिया है. लेकिन क्या आपको पता है कि एयर मार्शल एके भारती जी कौन हैं? अगर नहीं तो… हम बताएंगे आपको.

कौन हैं एयर मार्शल एके भारती?

एके भारती का पूरा नाम अवधेश कुमार भारती है. जो बिहार के पूर्णिया जिले के झुन्नी कलां गांव के रहने वाले हैं. उनके पिता जीवछलाल यादव कोशी परियोजना के सेवानिवृत्त लेखाकार हैं और उनकी माता उर्मिला देवी हैं. भारती के दो भाई हैं, जो पूर्णिया में काम करते हैं.

सैनिक स्कूल से हासिल की शिक्षा

एयर मार्शल भारती ने अपनी स्कूली शिक्षा सैनिक स्कूल तिलैया से हासिल की, जहां से वे एनडीए, पुणे गए और जून 1987 में भारतीय वायुसेना के फाइटर स्ट्रीम में शामिल हुए. एयर मार्शल भारती का पेशेवर इतिहास बहुत ही शानदार रहा है, जिसमें उन्होंने हमेशा पहला स्थान हासिल किया और उन्हें “स्वॉर्ड ऑफ ऑनर” से सम्मानित किया गया था.

प्रयागराज में SASO के पद पर तैनात थे

एयर मार्शल भारती ने एक फ्रंटलाइन फाइटर बेस की कमान संभाली और भारत के भीतर और बाहर कई महत्वपूर्ण कार्यभार संभाले चुके हैं. वायु सेना मुख्यालय में डीजीएओ का पदभार संभालने से पहले वे प्रयागराज में सेंट्रल एयर कमांड में सीनियर स्टाफ ऑफिसर (SASO) के पद पर तैनात थे.

एयर मार्शल एके भारती ने बनाई ऑपरेशन सिंदूर की रणनीति

जम्मू कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए आतंकवादी हमले के बाद पाकिस्तान के खिलाफ ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत चल रहे हवाई अभियानों की निगरानी एयर मार्शल अवधेश कुमार भारती ने की. भारती वायु सेना में महानिदेशक वायु संचालन (डीजीएओ) के पद पर तैनात हैं.

राष्ट्रकवि रामधारी सिंह दिनकर की कविता से पाक को कड़ा संदेश

‘ऑपरेशन सिंदूर’ में हवाई ऑपरेशन के आर्किटेक्ट के रूप में उन्होंने योजना बनाने, समन्वय करने और पाकिस्तान को भारी नुकसान पहुंचाने में अहम भूमिका निभाई है. भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव के बीच भारतीय सेना के अधिकारियों ने प्रेस ब्रीफिंग की, जिसमें पाकिस्तान को कड़ा संदेश देने के लिए शिव तांडव स्तोत्र और राष्ट्रकवि रामधारी सिंह दिनकर की कविता ‘कृष्ण की चेतावनी’ का उपयोग किया गया.

भय बिनु होइ न प्रीति…

एयर मार्शल एके भारती ने रामचरितमानस की पंक्तियों का जिक्र करते हुए कहा, ”विनय न मानत जलधि जड़, गए तीनि दिन बीति, बोले राम सकोप तब, भय बिनु होइ न प्रीति”, “समझदार को इशारा ही काफी है.” जो कि पाकिस्तान के लिए स्पष्ट चेतावनी थी.

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