नई दिल्ली। भारत सरकार ने मंगलवार को अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के इस दावे को खारिज कर दिया कि उन्होंने ट्रेड रोकने की चेतावनी देकर भारत और पाकिस्तान के बीच संघर्ष विराम कराने में मदद की थी। सरकार ने स्पष्ट रूप से कहा कि पाकिस्तान के साथ हालिया सैन्य तनाव के दौरान भारत और अमेरिका के बीच किसी भी चर्चा के दौरान ट्रेड का मुद्दा नहीं उठा था। डोनाल्ड ट्रंप की टिप्पणियों पर मीडिया के सवालों के जवाब में विदेश मंत्रालय (MEA) के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने स्पष्ट किया, ‘पाकिस्तान के साथ तनावपूर्ण गतिरोध के दौरान भारतीय और अमेरिकी नेतृत्व संपर्क में थे, लेकिन व्यापार पर कोई बातचीत नहीं हुई।’
ट्रंप को भारत का सीधा जवाब – “कश्मीर पर मध्यस्थता मंजूर नहीं..”
विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा, ‘7 मई को ऑपरेशन सिंदूर शुरू होने से लेकर 10 मई को गोलीबारी और सैन्य कार्रवाई बंद करने पर सहमति बनने तक, भारतीय और अमेरिकी नेताओं के बीच उभरते सैन्य हालात पर बातचीत होती रही. किसी भी चर्चा में व्यापार का मुद्दा नहीं उठा।’ यह टिप्पणी ट्रंप द्वारा भारत और पाकिस्तान के बीच संभावित परमाणु युद्ध को रोकने का श्रेय लेने के बाद आई है, जिसमें उन्होंने कहा था कि उनके प्रशासन ने दोनों देशों के बीच पूर्ण और तत्काल युद्ध विराम की मध्यस्थता की। ट्रंप ने दावा किया था कि उन्होंने दोनों देशों के नेताओं से कहा कि अगर वे युद्धविराम पर सहमत होते हैं तो अमेरिका उन्हें व्यापार में मदद करेगा और अगर नहीं मानते हैं तो उनके साथ कोई व्यापार नहीं करेगा। इसके बाद दोनों देश सीजफायर पर सहमत हो गए थे।
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