कुंदन कुमार/पटना: वर्ष 2005 से मतदाता सूची के एपिक में चल रहे गड़बड़ी को भारतीय निर्वाचन आयोग ने ठीक कर लिया है. निर्वाचन विभाग के अधिकारियों के मुताबिक ईआरओ के द्वारा सामान्य सीरीज का उपयोग किए जाने के कारण कुछ वास्तविक मतदाताओं को एक जैसे एपिक नंबर जारी कर दिए गए थे. यह समस्या वर्ष 2005 से चली आ रही थी.

मतदाताओं की डेटाबेस की जांच

वहीं, समस्या के समाधान के लिए सभी राज्यों को केंद्र शासित प्रदेशों में 4123 विधानसभा क्षेत्र में 10.50 लाख से अधिक मतदान केंद्रों में 99 करोड़ से अधिक मतदाताओं की डेटाबेस की जांच की गई और औसतन प्रत्येक 4 मतदान केंद्रों में से एक मामला मिला. क्षेत्रीय सत्यापन के बाद वास्तविक मतदाता को नया एपिक नंबर पर नया एपिक कार्ड जारी किया गया है. 

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