Debt on Vedanta Ltd: वेदांता लिमिटेड अब अपने भारी-भरकम कर्ज को मैनेज करने के लिए ₹3,500 करोड़ की पूंजी जुटाने की तैयारी में है. यह रकम अनसिक्योर्ड नॉन-कन्वर्टिबल डिबेंचर्स (NCDs) के जरिए इकट्ठा की जाएगी.  बाजार से मिली जानकारी के मुताबिक, यह इश्यू मई के अंतिम सप्ताह में पेश किया जाएगा और इन डिबेंचर्स की अवधि ढाई से तीन साल के बीच होगी. इनमें निवेशकों को 9% से 9.5% तक का ब्याज मिल सकता है. इस फंड रेजिंग को बार्कलेज और सिटीबैंक जैसे ग्लोबल इन्वेस्टमेंट प्लेयर्स मैनेज करेंगे.

पहले भी जुटा चुकी है फंडिंग, फरवरी में आया था ₹2,600 करोड़

यह पहला मौका नहीं है जब Vedanta फंड जुटा रही हो. फरवरी 2025 में कंपनी ने ₹2,600 करोड़ की राशि जुटाई थी, जिसमें 9.75% का कूपन रेट तय किया गया था. उस समय भी मकसद यही था—कर्ज अदायगी और फाइनेंशियल स्ट्रक्चर को मजबूत बनाना.

वर्तमान में कितना कर्ज है वेदांता पर?

  • स्टैंडअलोन नेट डेब्ट (31 मार्च 2025 तक): ₹53,251 करोड़
  • समूह स्तर पर कुल कर्ज: $8.64 बिलियन
  • नेट डेब्ट: $6.23 बिलियन
  • फाइनेंशियल ईयर 2026-27 तक वेदांता को ₹11,400 करोड़ का लोन चुकाना है.
  • वहीं होल्डिंग कंपनी Vedanta Resources Limited (VRL) पर भी दबाव है, जिसे
  • FY26 में $920 मिलियन और FY27 में $675 मिलियन की देनदारी पूरी करनी है.

तीन सालों में घटाया गया है $4 बिलियन का कर्ज

Vedanta Resources ने बीते 3 वर्षों में करीब $4 बिलियन का कर्ज घटाया है. इससे कंपनी के बॉन्ड पर मिलने वाला औसत ब्याज 250 बेसिस प्वाइंट तक कम हुआ है. साथ ही, कर्ज की अदायगी की डेडलाइन भी बढ़ाकर FY33–34 तक कर दी गई है.

अब कंपनी अगले तीन सालों में और $3 बिलियन कर्ज घटाने की योजना पर आगे बढ़ रही है.

डिमर्जर प्लान: 6 अलग संस्थाएं होंगी तैयार

वेदांता अपने कारोबार को और पारदर्शी और कुशल बनाने के लिए डिमर्जर प्लान पर काम कर रही है. सितंबर 2025 तक इसे पूरा करने का लक्ष्य है. यह प्रस्ताव सितंबर 2023 में सामने आया था, जिसके तहत कंपनी को 6 स्वतंत्र कंपनियों में विभाजित किया जाएगा.

इससे हर सेक्टर की यूनिट स्वतंत्र रूप से संचालित होगी और निवेशकों को अधिक मूल्य मिलेगा. संभावना है कि मौजूदा जो NCD इश्यू आएगा, वह डिमर्जर के बाद बचने वाली वेदांता इकाई के तहत जारी किया जाए.

रेटिंग में आया सुधार, Crisil ने बढ़ाया भरोसा

  • दिसंबर 2024 में रेटिंग एजेंसी Crisil ने वेदांता के NCD की रेटिंग को AA- से बढ़ाकर AA कर दिया.
  • इसका कारण रहा — प्रमोटर्स द्वारा निरंतर किए जा रहे प्रयास जैसे:
  • हिस्सेदारी की बिक्री
  • Qualified Institutional Placement (QIP) और Offer for Sale (OFS)
  • इन उपायों से निवेशकों का भरोसा भी बढ़ा है और कंपनी की क्रेडिटवर्थनेस में सुधार हुआ है.