भोपाल। कर्नल सोफिया कुरैशी को लेकर आपत्तिजनक टिप्पणी कर भाजपा के लिए परेशानी खड़ी करने वाले मंत्री विजय शाह का विवादों से पुराना नाता है। अपने बिगड़े बोल के कारण एक बार उन्हें मंत्री पद भी गंवाना पड़ा था। पिछले साल जंगल में आग जलाकर चिकन पार्टी करने की पोस्ट के बाद भी उनकी किरकिरी हुई थी। कर्नल सोफिया को आतंकियों की बहन बताने वाले बयान को लेकर वे खुद की पार्टी और विपक्ष के निशाने पर आ चुके हैं। उनके बयान को लेकर केंद्रीय नेतृत्व भी नाराज है। अब एक बार फिर उनकी कुर्सी पर तलवार लटक रही है।  

जानिए मंत्री विजय शाह और उनके विवादों की फेहरिस्त 

मंत्री विजय शाह की गिनती है भाजपा के सीनियर मंत्रियों में होती है। वर्ष 1998 से वे हरसूद विधानसभा सीट से चुनाव जीतते आ रहे है और सातवीं बार विधायक हैं। आदिवासी नेता होने के कारण उन्हें गौर सरकार, शिवराज और मोहन सरकार में मंत्रीपद भी मिला है। इतना अनुभव होने के बावजूद उनके विवादित बयानों के कारण भाजपा को कई बार ड्रेमेज कंट्रोल करना पड़ा है। वर्तमान में जनजातीय कार्य, सार्वजनिक संपत्ति प्रबंधन और भोपाल गैस त्रासदी राहत और पुनर्वास मंत्री हैं।

विद्या बालन की रुकवा दी थी शूटिंग

दरअसल, कोविड के दौरान मध्य प्रदेश में शिवराज सिंह चौहान की सरकार बनी थी। विजय शाह उस सरकार में वन मंत्री थे। मशहूर अभिनेत्री विद्या बालन अपनी फिल्म शेरनी की शूटिंग मध्य प्रदेश में कर रही थीं। शूटिंग के दौरान मंत्री विजय शाह की इच्छा हुई कि वह विद्या बालन के साथ डिनर करें। डिनर का ऑफर विद्या बालन ने ठुकरा दिया तो मंत्री ने शूटिंग रुकवा दी। बाद में मीडिया में खबरें आई तो शूटिंग की अनुमति दी गई।

जंगल में चिकन पार्टी

यही नहीं, मंत्री विजय शाह के लिए सरकारी नियम कानून भी ठेंगे पर रहा है। अपने दोस्तों के साथ सतपुड़ा टाइगर रिजर्व के प्रतिबंधित क्षेत्र में चिकन पार्टी की थी। वीडियो वायरल होने के बाद जांच के आदेश दिए गए। नतीजा ढाक के तीन पात ही रहा है। कोई कार्रवाई नहीं हुई।

पुलिस ने पिटाई कर पैर कर दिया था फ्रैक्चर

1998 में पहला चुनाव जीतने के बाद विजय शाह ने खंडवा में पुलिस हिरासत में एक ढोलक बजाने वाले युवक की मौत का मुद्दा उठाया था। तब प्रदेश में कांग्रेस की सरकार थी। प्रदर्शन के दौरान शाह ने एक थाना प्रभारी को चांटा मार दिया था। इसके बाद पुलिसकर्मियों ने घेर कर शाह की डंडों से पिटाई कर दी। तब शाह का पैर फ्रैक्चर हो गया था।

शिवराज सिंह चौहान की पत्नी पर कर चुके हैं टिप्पणी

मंत्री विजय शाह तत्कालीन शिवराज सरकार में भी मंत्री रहे हैं। उन्होंने उस समय तत्कालीन सीएम शिवराज सिंह चौहान की पत्नी पर आपत्तिजनक टिप्पणी कर दी थी। इसके बाद उनकी मंत्री पद चली गई थी। हालांकि पॉलिटिकल ताकत की वजह से चार महीने में ही कैबिनेट में वापसी हो गई थी।

ऐसा रहा विजय शाह का राजनीतिक सफर

बात दें कि विजय शाह का राजनीतिक जीवन छात्र राजनीति से शुरू हुआ। उन्होंने इंदौर में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) से जुड़कर कॉलेज चुनावों में सक्रिय भूमिका निभाई। छात्र संघ के विभिन्न पदों पर कार्य करने के बाद उन्होंने 1990 में पहली बार मध्य प्रदेश विधानसभा के लिए चुनाव लड़ा और निर्वाचित हुए। इसके बाद वे 1993, 1998, 2003, 2008, 2013, 2018 और 2023 में लगातार आठ बार हरसूद विधानसभा क्षेत्र से विधायक निर्वाचित हुए।

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