कुंदन कुमार/ पटना। बिहार में चुनाव होने वाले है। इसको लेकर राष्ट्रीय नेताओं के दौरे भी शुरू हो गए है। बिहार के दरभंगा में छात्रों से संवाद कार्यक्रम में राहुल गांधी को प्रशासन ने अनुमति नहीं दी। यह कार्यक्रम ‘शिक्षा न्याय संवाद’ के तहत डॉ. आंबेडकर छात्रावास में होना था। कांग्रेस ने इसे जेडीयू-बीजेपी सरकार की दमनकारी कार्रवाई बताया। पार्टी ने प्रशासन से निर्णय पर पुनर्विचार करने की अपील की है।
राहुल गांधी दरभंगा में छात्रों से सीधा संवाद करेंगे
बिहार कांग्रेस ने यह घोषणा की है कि विपक्षी नेता राहुल गांधी, दरभंगा में प्रस्तावित शिक्षा न्याय संवाद कार्यक्रम को लेकर बिहार सरकार की अनुमति न मिलने के बावजूद इसे आयोजित करेंगे।राहुल गांधी के इस कार्यक्रम को लेकर कांग्रेस के राष्ट्रीय मीडिया कॉर्डिनेटर अभय दुबे ने प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय, सदाकत आश्रम पटना में संवाददाता सम्मेलन में यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि “बिहार सरकार ने इस कार्यक्रम को अनुमति नहीं दी, लेकिन राहुल गांधी दरभंगा में छात्रों से सीधा संवाद करेंगे।”
मुख्य बिंदु:
कार्यक्रम: शिक्षा न्याय संवाद
स्थान: दरभंगा
मुख्य उद्देश्य: बिहार के एससी, एसटी, ओबीसी, और ईबीसी वर्ग के छात्रों की समस्याओं पर चर्चा
कांग्रेस का लक्ष्य: चुनावी घोषणापत्र में इन मुद्दों को शामिल करना और समाधान का वादा करना
अभय दुबे ने कहा कि बिहार सरकार ने शिक्षा न्याय कार्यक्रम को अनुमति नहीं दी है, लेकिन राहुल गांधी छात्रों से सीधा संवाद करेंगे। इस अवसर पर वे इन वर्गों के मुद्दों को सुनेंगे और उनकी समस्याओं का समाधान चुनावी घोषणापत्र में शामिल करने का वादा करेंगे। इस मौके पर अभय दुबे के साथ कांग्रेस के मीडिया विभाग के चेयरमैन राजेश राठौड़ और अन्य वरिष्ठ नेता भी उपस्थित थे।
कांग्रेस ने बिहार की जेडीयू-बीजेपी सरकार पर दमनकारी कार्रवाई करने का आरोप लगाया है। पार्टी ने यह भी कहा कि प्रशासन का यह कदम लोकतांत्रिक अधिकारों का उल्लंघन है और यह शिक्षा के मुद्दे को दबाने का प्रयास है।
कांग्रेस ने किया हमला
कांग्रेस के राष्ट्रीय मीडिया कॉर्डिनेटर अभय दुबे ने इस मुद्दे पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। उन्होंने कहा, “बिहार सरकार का यह कदम समाज के पिछड़े वर्गों, एससी, एसटी, ओबीसी और ईबीसी छात्रों की समस्याओं को नजरअंदाज करने की कोशिश है। राहुल गांधी इस कार्यक्रम के माध्यम से इन छात्रों की समस्याओं पर चर्चा करना चाहते थे, लेकिन प्रशासन ने उन्हें अनुमति नहीं दी।” उन्होंने आगे कहा कि पार्टी प्रशासन से अपील करती है कि वे अपने निर्णय पर पुनर्विचार करें और कांग्रेस को इस कार्यक्रम को बिना किसी रुकावट के आयोजित करने की अनुमति दी जाए।
क्या था कार्यक्रम?
राहुल गांधी का यह कार्यक्रम शिक्षा न्याय संवाद के तहत था, जिसमें वे बिहार के विभिन्न क्षेत्रों के छात्रों से सीधे संवाद करते और उनकी समस्याओं को सुनते। इस कार्यक्रम का उद्देश्य शिक्षा के क्षेत्र में हो रहे भेदभाव और पिछड़े वर्गों की समस्याओं को उजागर करना था। कांग्रेस पार्टी ने इसे बिहार चुनाव के लिए अपने एजेंडे में शामिल करने का भी संकेत दिया था।
कांग्रेस का दावा
कांग्रेस पार्टी ने कहा कि यह कदम बिहार सरकार द्वारा छात्रों की समस्याओं को दबाने और उन्हें नकारने की कोशिश के रूप में देखा जा रहा है। पार्टी का कहना है कि वे इस मुद्दे को लगातार उठाएंगे और प्रशासन से इस पर पुनर्विचार करने की अपील करेंगे।
समाज की चिंता
कांग्रेस नेताओं ने यह भी कहा कि इस तरह की कार्रवाई से बिहार सरकार की असलियत सामने आ रही है, जो समाज के पिछड़े वर्गों और छात्रों के मुद्दों को दबाने की कोशिश कर रही है।
लड़ाई को और मजबूती से आगे बढ़ाएगा
कांग्रेस पार्टी ने कहा कि वे हर हाल में यह कार्यक्रम आयोजित करेंगे, चाहे सरकार अनुमति दे या नहीं। इसके साथ ही पार्टी ने यह भी सुनिश्चित किया है कि यह कार्यक्रम छात्रों के हक और उनके अधिकारों की लड़ाई को और मजबूती से आगे बढ़ाएगा।
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