रायपुर- प्रदेश के नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में पदस्थ पुलिस के जवानों को मिलने वाली नक्सल ड्यूटी भत्ता सरकार द्वारा बंद किए जाने की अफवाह फैलाई जा रही है. मंत्री टीएस सिंहदेव ने कहा कि इस संबंध में तथाकथित कुछ लोगों के द्वारा इसकी गलत व्याख्या कर प्रचारित किया जा रहा है कि पुलिस जवानों को मिलने वाला नक्सल भत्ता’ को सरकार बंद करने जा रही है, जबकि वास्तविकता यह है कि ऐसा कोई कारण नहीं है जिसको आधार मानकर ”नक्सल भत्ता’ को बंद कर दिया जाए, लेकिन इस पर विभाग द्वारा शीघ्र समीक्षा कर पुर्ननिर्धारण किया जाना प्रस्तावित है, जो कि प्रभावी तिथि से ही लागू होगी.

वर्तमान में प्रदेश में आदर्श आचार संहिता प्रभावी है,फलस्वरूप शासन स्तर से इस बाबत कोई आदेश जारी नहीं किया जा सकता. सिंहदेव ने सुरक्षा में तैनात जवानों को आश्वस्त किया है कि, ऐसी शामक व गलत सूचना को अनदेखा कर, अपने कर्तव्य पर ध्यान देना चाहिए. राज्य सरकार संवेदनशील क्षेत्रों में तैनात जवानों के हितों के प्रति पूरी तरह से सजग व प्रतिबध्द है. किसी भी परिस्थिति में जवानों के साथ नाइंसाफी नहीं होगी. सरकार सदैव जवानों के साथ है.

बता दें कि छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा 9 अक्टूबर 2015 को जारी आदेश के आधार पर परिशिष्ट ”अ ब एवं स” में दर्शाये अनुसार नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में तैनात पुलिस जवानों को मूल वेतन का 50 प्रतिशत, 35 प्रतिशत एवं 15 प्रतिशत नक्सल ड्यूटी भत्ता दिया जा रहा है. यह आदेश की कंडिका 4 में यह उल्लेखित है कि यह भत्ता वित्तीय वर्ष 2018-19 तक मान्य होगा एवं 31 मार्च 2019 के पूर्व प्रस्तावित समीक्षा पर भविष्य के लिए निर्णय लिया जाएगा.