रायपुर। छत्तीसगढ़ में एक बार फिर पुलिस विभाग में नौकरी लगाने के नाम पर ठगी का बड़ा मामला सामने आया है। खमतराई थाना क्षेत्र में पुलिस ने आरोपी जय कुमार वर्मा को गिरफ्तार किया है, जो वर्तमान में रेलवे पुलिस (GRP) रायपुर में प्रधान आरक्षक के पद पर पदस्थ है। आरोपी पर एक विकलांग व्यक्ति सहित कई लोगों से लाखों रुपये ठगने का आरोप है।

6 साल तक देता रहा झांसा, फिर भी नहीं दिला पाया नौकरी
मामले की शुरुआत 2017 में हुई, जब पुलिस विभाग में आरक्षक भर्ती का विज्ञापन जारी हुआ था। इसी दौरान जांजगीर-चांपा जिले के ग्राम परसदा निवासी महेन्द्र सिंह मानसर ने अपने भाई भूपेन्द्र सिंह मानसर के लिए आवेदन किया। इस प्रक्रिया के दौरान आरोपी जय वर्मा की मुलाकात महेन्द्र से बिलासपुर रेलवे स्टेशन में हुई, जहां जय ने खुद को मंत्रियों और अफसरों का करीबी बताते हुए नौकरी लगवाने का झांसा दिया।
महेंद्र सिंह ने अपने भाई के उज्जवल भविष्य की उम्मीद में अपनी कृषि भूमि गिरवी रखकर 10 लाख रुपये आरोपी को दिए। इनमें से 9 लाख नगद खमतराई निवासी मनोज मिंज के घर में दिए गए, जहां गवाह के तौर पर मनोज की मां और अन्य लोग भी मौजूद थे। इसके अलावा 1 लाख रुपये महेन्द्र ने बिलासपुर रेलवे स्टेशन के पास एक एटीएम से निकासी कर आरोपी को सौंपा।
कई लोगों से लाखों की ठगी
केवल महेन्द्र ही नहीं, बल्कि आरोपी ने अपने गांव और अन्य स्थानों के कई युवाओं को भी नौकरी का झांसा देकर उनसे लाखों रुपये ठग लिए। जब भर्ती प्रक्रिया पूरी हुई और महेन्द्र के भाई सहित अन्य अभ्यर्थी असफल रहे, तो उन्होंने रकम वापसी की मांग की। आरोपी जय वर्मा ने बार-बार टालमटोल करते हुए रकम नहीं लौटाई। हालांकि, वर्ष 2019 में महेन्द्र के परिवार में शादी समारोह के दौरान आरोपी ने महज़ 2 लाख रुपये की राशि लौटाई, शेष रकम आज तक नहीं दी।
धोखाधड़ी का मामला दर्ज, आरोपी गिरफ्तार
महेंद्र सिंह की शिकायत पर खमतराई थाना पुलिस ने आरोपी जय कुमार वर्मा के खिलाफ धारा 420 (धोखाधड़ी) के तहत अपराध क्रमांक 440/25 दर्ज किया। पुलिस ने उसे आज गिरफ्तार कर न्यायिक रिमांड पर भेज दिया है।
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