जालंधर में रिश्वतखोरी का नया मामला सामने आया है, जिसमें नगर निगम के एक अधिकारी ने रिश्वतखोरी की है। कई बार शिकायत मिलने के बाद उसके खिलाफ छापेमार कार्यवाही कर गिरफ्तार किया गया है।
विजिलेंस की टीम ने जालंधर नगर निगम के अधिकारी असिस्टेंट टाउन प्लानर (ATP) सुखदेव वशिष्ठ को 30 हजार रुपए रिश्वत मांगने के आरोप में गिरफ्तार किया है। आरोपी को लोगों की तरफ से मिल रही शिकायतों के बाद गिरफ्तार किया गया है। गिरफ्तारी के बाद कोर्ट से आरोपी का 2 दिन का रिमांड भी मिल गया है, जहां उससे पूछताछ की जाएगी।
धमकी देकर पैसे वसूलता था
विजिलेंस अधिकारी ने बताया कि सुखदेव वशिष्ठ जानबूझकर अर्जियों को मंजूरियां देने में देरी करके लोगों से पैसे वसूल रहा था। जालंधर में इमारतों के 70 फीसदी नक्शे नगर निगम द्वारा पहले ही मंजूर किए जा चुके हैं, लेकिन सुखदेव फिर भी लोगों का काम रोकता था।

सहायक नगर योजनाकार सुखदेव वशिष्ठ ने रिश्वत न मिलने तक कुछ अर्जियों पर विचार करने से इनकार कर दिया था। उसके बाद वह लोगों को धमकाने लगा और पैसे की मांग करने लगा। आरोपी अधिकारी आवेदकों को डराने के लिए चैकिंग के दौरान इमारतों को सील करने आदि की धमकियां भी देता है और अक्सर कहता है कि उसे अपने तबादले का भी कोई डर नहीं है।
शुरूआती जांच के बाद विजिलेंस ब्यूरो जालंधर रेंज ने सुखदेव वशिष्ठ के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत मामला दर्ज करके उसे गिरफ्तार कर लिया है। भ्रष्टाचार में मुलजिम की भूमिका के बारे में और पता लगाने के लिए इस मामले की बारीकी से जांच की जा रही है।
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