दिल्ली सरकार ने राजधानी के निवासियों से एक महत्वपूर्ण वादा किया है. पर्यावरण मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा(Manjinder Singh Sirsa) ने कहा कि पिछले दस वर्षों में ‘AAP’ सरकार जो कार्य नहीं कर पाई, वह वर्तमान सरकार कर रही है. उन्होंने सुझाव दिया कि इस पार्टी का नाम ‘पॉल्यूशन पार्टी’ रखा जाना चाहिए, क्योंकि इसने दिल्ली में प्रदूषण को कम करने के बजाय बढ़ाने का काम किया है. मंत्री ने बताया कि सरकार का लक्ष्य दिसंबर 2025 तक 30 लाख मीट्रिक टन पुराने कचरे को हटाना है. ओखला लैंडफिल में कचरे की ऊंचाई 60 मीटर से घटकर 20 मीटर हो गई है, और कुल 62 एकड़ में से 30 एकड़ से अधिक भूमि को समतल किया गया है.

पर्यावरण मंत्री ने जानकारी दी कि अब तक 56 लाख मीट्रिक टन कचरे की बायो-माइनिंग और प्रोसेसिंग की जा चुकी है. चरण-2 के अंतर्गत, कुछ ही महीनों में 6.5 लाख मीट्रिक टन से अधिक कचरा प्रोसेस किया गया है. कचरे के पहाड़ों को हटाने से लैंडफिल साइट्स के आसपास रहने वाले लोगों को एक नई जिंदगी मिलेगी. यदि भारत सीमा पार जाकर आतंकियों के ठिकानों को समाप्त कर सकता है, तो हम अपनी राजधानी से कचरे के पहाड़ भी हटा सकते हैं, ताकि लोगों का स्वास्थ्य और भविष्य सुरक्षित रह सके.

‘अबकी बार जवाब बहुत क्रूर होगा,’ पाकिस्तान ने फिर दी भारत को धमकी

ओखला लैंडफिल साइट पहुंचे मंत्री-सांसद और मेयर

दिल्ली सरकार के पर्यावरण मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा ने गुरुवार को ओखला लैंडफिल स्थल का दौरा किया. इस दौरान उन्होंने वहां चल रही बायो-रिमेडिएशन और बायो-माइनिंग गतिविधियों का अवलोकन किया. यह लैंडफिल साइट दिल्ली की प्रमुख पर्यावरणीय समस्याओं में से एक रही है. निरीक्षण के समय मंत्री के साथ दिल्ली के मेयर राजा इकबाल सिंह, सांसद रामवीर सिंह बिधूड़ी, क्षेत्रीय प्रतिनिधि और एमसीडी तथा राजस्व विभाग के वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे.

मंत्री ने अपने दौरे के दौरान बताया कि ओखला लैंडफिल, जो 62 एकड़ में फैला हुआ है, की ऊंचाई 60 मीटर से घटकर अब 20 मीटर रह गई है. अब तक 30 एकड़ से अधिक भूमि कचरे से मुक्त होकर समतल हो चुकी है. सरकार का उद्देश्य है कि दिसंबर 2025 तक 30 लाख मीट्रिक टन पुराने कचरे को हटाया जाए और 2028 तक दिल्ली से सभी “कूड़े के पहाड़” समाप्त कर दिए जाएं. सिरसा ने यह भी कहा कि जो कार्य पिछली सरकार 10 वर्षों में नहीं कर पाई, वह हम बहुत कम समय में कर दिखा रहे हैं.

ऑपरेशन सिंदूर सिर्फ दिखावा,’ कांग्रेस विधायक ने सरकार और सेना से मांगे सबूत

जैसे डायनासोर गायब हो गए, वैसे कूड़े के पहाड़ गायब होंगे

यह कोई जादू नहीं है, बल्कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन और मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता के नेतृत्व में स्वच्छ दिल्ली संकल्प के निरंतर प्रयासों का परिणाम है. कचरे के निस्तारण के लिए बायो-माइनिंग प्रक्रिया का उपयोग किया जा रहा है, जिसमें पुराने कचरे को इनर्ट मैटेरियल, मिट्टी, रीसाइक्लेबल सामग्री और आरडीएफ (Refuse-Derived Fuel) में वर्गीकृत किया जाता है. आरडीएफ का उपयोग सीमेंट और पेपर उद्योगों में वैकल्पिक ईंधन के रूप में किया जा रहा है, जबकि अन्य सामग्रियों का उपयोग सड़क निर्माण और साइट लेवलिंग जैसे कार्यों में किया जा रहा है.

सिरसा ने कहा कि जैसे पृथ्वी से डायनासोर समाप्त हो गए, वैसे ही दिल्ली के कूड़े के पहाड़ भी खत्म हो जाएंगे. यह पर्यावरण सुधार के लिए दिल्ली में एक ऐतिहासिक परिवर्तन है, जो लैंडफिल के आसपास रहने वाले लाखों लोगों को नया जीवन प्रदान करेगा. हमारी सरकार की प्राथमिकताओं में दिल्लीवासियों को स्वच्छ हवा और जल के साथ-साथ कचरे के पहाड़ों का पूर्ण नाश भी शामिल है.

एस जयशंकर ने सुबह-सुबह अफगानिस्तान के तालिबानी विदेश मंत्री को लगाया फोन, ऑपरेशन सिंदूर पर हुई चर्चा, बौखलाया पाकिस्तान

पर्यावरण मंत्री ने बताया कि यह परियोजना विकसित दिल्ली मिशन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है, जो राजधानी में ठोस कचरा प्रबंधन की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम है. इसका मुख्य उद्देश्य शहरी भूमि को पुनः उपयोग के योग्य बनाना और हरियाली को बढ़ावा देकर आग लगने के जोखिम को कम करना है. बरसात के दौरान कचरे पर गिरने वाला पानी जमीन में रिसकर भूजल को प्रदूषित कर देता है. कचरे के पहाड़ों को हटाने से भूजल के प्रदूषण को रोका जा सकेगा और पानी में मौजूद हानिकारक तत्वों पर नियंत्रण पाया जा सकेगा. इसके अलावा, इन कचरे के पहाड़ों के हटने से लैंडफिल साइट्स के आसपास रहने वाले लाखों लोगों को एक नई जिंदगी मिलेगी.