दिल्ली में मई महीने में वायु प्रदूषण के मुद्दे पर नेता प्रतिपक्ष आतिशी(Atishi) ने मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता (Rekha Gupta) को पत्र लिखकर सरकार की व्यवस्था पर सवाल उठाए हैं. उन्होंने अपने पत्र में उल्लेख किया कि इस महीने में भी वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 500 के पार पहुंच गया है, जो कि बीजेपी की चार इंजन वाली सरकार की विफलता का स्पष्ट प्रमाण है.
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आतिशी ने मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता से प्रश्न करते हुए कहा कि मई के महीने में दिल्ली में प्रदूषण का इतना बढ़ना क्यों हुआ? क्या इसे बीजेपी की चार इंजन वाली सरकार की बड़ी असफलता माना जाए? उन्होंने यह भी पूछा कि क्या दिल्ली की जनता को अब हर साल मई और जून में सांस लेने के लिए संघर्ष करना पड़ेगा? इसके साथ ही, उन्होंने सीएम से यह जानना चाहा कि उनकी सरकार ने प्रदूषण नियंत्रण के लिए कौन से कदम उठाए हैं, और क्यों इन प्रयासों का कोई सकारात्मक परिणाम नजर नहीं आ रहा है.
गुरुवार को दिल्ली में प्रदूषण का स्तर काफी बढ़ गया, जिससे दिल्ली सरकार की व्यवस्थाओं पर सवाल उठाए गए. आतिशी ने मुख्यमंत्री को लिखे पत्र में उल्लेख किया कि राजधानी का वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) खतरनाक स्तर पर पहुंच गया है. उन्होंने बताया कि मई में AQI 500 के पार चला गया, जो पहले कभी नहीं हुआ. केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) के आंकड़ों के अनुसार, 2022 से 2024 के बीच 15 मई को AQI कभी भी 243 से ऊपर नहीं गया.
दिल्ली में प्रदूषण की स्थिति चिंताजनक बनी हुई है, जबकि वर्तमान में यह आंकड़ा 500 के पार पहुंच चुका है. केंद्र में बीजेपी की सरकार, उपराज्यपाल भी बीजेपी के हैं, और MCD में भी बीजेपी का शासन है. इस प्रकार, दिल्ली में पूरी तरह से बीजेपी की चार इंजन की सरकार है. इसके बावजूद, मई का महीना, जब आमतौर पर प्रदूषण में कमी आती है, में भी वायु गुणवत्ता सूचकांक 500 के ऊपर है. यह केवल प्रदूषण की समस्या नहीं, बल्कि बीजेपी सरकार की असफलता का स्पष्ट संकेत है.
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दिल्ली में पहली बार मई के महीने में AQI 500 के पार
नेता प्रतिपक्ष ने मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता को एक पत्र में लिखा है कि आपकी सरकार के पर्यावरण मंत्री मनजिंदर सिरसा ने पहले कहा था कि दिल्ली में कूड़ा जलाने से प्रदूषण बढ़ रहा है. अब जब MCD में भी बीजेपी की सरकार है, तो दिल्ली की हवा इतनी जहरीली क्यों हो गई है? क्या अब भी कूड़ा आम आदमी पार्टी जला रही है, या यह चार इंजन वाली बीजेपी सरकार की विफलता का परिणाम है?
दिल्ली की जनता इस समय गर्मी और प्रदूषण की गंभीर समस्याओं का सामना कर रही है. अस्पतालों में सांस संबंधी बीमारियों के मरीजों की संख्या में वृद्धि हो रही है, और बुजुर्गों तथा बच्चों पर इसका सबसे अधिक प्रभाव पड़ रहा है. इसके बावजूद, सरकार की ओर से कोई ठोस योजना या कार्रवाई नहीं दिखाई दे रही है, केवल झूठे वादे और बेतुके बयान ही सुनाई दे रहे हैं.
दिल्ली में मई के महीने में प्रदूषण के बढ़ने पर चिंता व्यक्त करते हुए उन्होंने सवाल उठाया कि आखिर ऐसा क्यों हुआ? क्या अब दिल्लीवासियों को हर साल मई और जून में सांस लेने में कठिनाई का सामना करना पड़ेगा? इसके साथ ही, उन्होंने यह भी कहा कि मुख्यमंत्री और सरकार को जनता को इस मुद्दे पर स्पष्ट जवाब देना चाहिए. मई में प्रदूषण की इस स्थिति के कारण क्या हैं और सरकार इस पर क्या कदम उठा रही है, इस पर अभी तक कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है.
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