रायपुर- कोयला आपूर्ति में आ रही कमी की वजह से छत्तीसगढ़ सरकार के तीन बिजली संयंत्र बंद होने की कगार पर आ गए हैं. इन संयंत्रों को साउट इस्टर्न कोल लिमिटेड यानी एसईसीएल की गेवरा माइंस से कोयले की आपूर्ति की जाती रही है, लेकिन आलम यह है कि संयंत्रों को होने वाली आपूर्ति में लगातार गिरावट आ रही है.

कोरबा के डाॅ.श्यामाप्रसाद मुखर्जी पाॅवर प्लांट में इस महीने केवल 29 रैक कोयले की आपूर्ति की गई है, जबकि मांग 38 रैक की थी. बताया जा रहा है कि आपूर्ति में आ रही कमी की वजह से प्लांट का स्टाॅक खत्म हो गया है. इसी तरह 440 मेगावाॅट का कोरबा ईस्ट प्लांट में मानिकपुर माइंस से 1,12,659 टन कोयले की आपूर्ति हुई, जबकि 1,46, 901 टन कोयले की मांग है.

कोरबा के 1349 मेगावाॅट के हसदेव थर्मल पाॅवर स्टेशन को कोयले की सप्लाई कुसमुंडा माइंस से कन्वेयर बेल्ट के जरिए की जाती है. पाॅवर स्टेशन को माइंस से फिलहाल 14 हजार टन प्रतिदिन के हिसाब से कोयला सप्लाई की जा रही है. जो 20 हजार टन प्रतिदिन की औसत खपत से कम हैं. इस वजह से वहां भी कोयले के स्टाॅक में कमी आ रही है.

प्रदेश के पाॅवर स्टेशल बंद होने की स्थिति में विद्युत आपूर्ति में व्यवधान आने की आशंका बढ़ गई है. ऊर्जा विभाग के एसीएस एन बैजेंद्र कुमार ने लल्लूराम डाॅट काॅम से हुई बातचीत में इस मामले की पुष्टि करते हुए कहा कि-

हमारे सामने गंभीर स्थिति बन गई है. इस मसले को लेकर भारत सरकार के कोल मंत्रालय को अवगत करा दिया गया है. दो दिन पहले ही एसईसीएल को भी पत्र भेजकर कोयले की नियमित सप्लाई करने का आग्रह किया गया है.