गरियाबंद। देवभोग विकास खंड के डूमरपीटा में रहने वाले 23 वर्षीय दिव्यांग कल्याण सिंह का आधार कार्ड नहीं बन पा रहा है. क्योंकि जन्म के साथ ही उसके हाथ और पांव की उंगलियां नहीं है. आधार कार्ड के अभाव में उसे अब तक किसी शासकीय योजना का लाभ तक नहीं मिला. यहां तक कि स्कूलों में भी दाखिला भी नहीं मिला, जैसे-तैसे परिजनों ने उसे 10 वीं,12 वी की परीक्षा ओपन स्कूल से दिलवाई. लेकिन अब कॉलेज में भर्ती के लिए आधार कार्ड एक बार फिर रोड़ा बन गया है.


समाधान शिविर में भी नहीं हुआ सामाधान
दिव्यांग कल्याण सिंह की मां माता गंगा देवी बताती हैं कि उसके 3 बच्चे हैं जिसमें कल्याण मंझला है. उसने 10 बार से अधिक बार भर्ती के लिए प्रयास किया, लेकिन हर जगह केवल मायूसी हाथ लगी. उन्होंने आगे बताया कि सबसे अधिक मायूसी कल्याण को तब हुई, जब सुशासन तिहार में भी उसकी समस्या का समाधान नहीं हो सका. प्रशाशन ने थंबनेल की अनिवार्यता का हवाला देकर मामले से पल्ला झाड़ लिया है.
PM मोदी को लिखूंगा खत: पीड़ित दिव्यांग
सुशासन तिहार के शिविर में भी निराशा मिलने के बाद अब कल्याण ने विष्णु देव सरकार से मदद की अपील की है. इसके अलावा उसने कहा कि मैं अब CM के अलावा PM को भी पत्र लिखकर अपनी व्यथा बताऊंगा.
फिलहाल 60 प्रतिशत दिव्यांगता का सर्टिफिकेट लेकर घूम रहे कल्याण का कैसे कल्याण होगा, इसका जवाब किसी के पास जवाब नहीं. क्योंकि बगैर आधार कार्ड के कल्याण को किसी भी सरकारी योजना से मदद नहीं मिल रही है.
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