Rajasthan News: राजस्थान के रणथंभौर टाइगर रिजर्व की सुरक्षा पर एक बार फिर सवाल खड़े हो गए हैं। टाइगर रिजर्व की बालेर रेंज में शनिवार को चार शिकारी वन्यजीवों और मछलियों का शिकार करने पहुंचे थे। ग्रामीणों की सतर्कता से दो शिकारियों को मौके पर पकड़ लिया गया, जबकि दो फरार हो गए। हैरान करने वाली बात यह रही कि वन विभाग ने पकड़े गए शिकारियों को बिना किसी विधिक कार्रवाई के छोड़ दिया।

जानकारी के अनुसार, बाजौली बिट-75 के समीप कालाभाटा बनास नदी क्षेत्र में शिकारी मछलियों के साथ-साथ अन्य वन्यजीवों के शिकार के इरादे से दाखिल हुए थे। ग्रामीणों को शक होने पर उन्होंने तत्काल कार्रवाई करते हुए दो शिकारियों को पकड़ लिया और वन विभाग को सूचित किया।
वन विभाग की टीम मौके पर पहुंची और दोनों शिकारियों तथा एक बाइक को बालेर रेंज कार्यालय ले गई। क्षेत्रीय वन अधिकारी नरेश कुमार गोदरा ने बताया कि शिकारियों के पास कोई ठोस सबूत नहीं मिला और यह इलाका घड़ियाल क्षेत्र में आता है, इसलिए उन्हें छोड़ दिया गया।
स्थानीय ग्रामीणों ने इस पर गंभीर आपत्ति जताई है। उन्होंने आरोप लगाया कि शिकारियों के पास शिकार में प्रयुक्त जाल, कांटे और अन्य उपकरण मौजूद थे, लेकिन इसके बावजूद विभाग ने कोई कानूनी कार्यवाही नहीं की। ग्रामीणों का यह भी कहना है कि यह वन विभाग और शिकारियों के बीच मिलीभगत का स्पष्ट संकेत है।
वीडियो साक्ष्य भी सौंपे
ग्रामीणों ने शिकारियों के साथ बातचीत और घटनास्थल के वीडियो बनाकर मीडिया और वन विभाग को सौंपे हैं। वीडियो में शिकारियों द्वारा वन विभाग के कुछ कर्मचारियों से संबंध होने की बात स्वीकार की गई है। ग्रामीणों का दावा है कि यह पूरा मामला वन विभाग की लापरवाही और भ्रष्टाचार को उजागर करता है।
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